ट्रंप के खिलाफ महाभियोग कार्यवाही में प्रथम ब्रिटिश गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स का आया जिक्र

Edited By Yaspal,Updated: 10 Feb, 2021 06:04 PM

the first british governor general warren hastings mentioned in impeachment

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग की कार्यवाही के दौरान अभियोजकों ने भारत के प्रथम ब्रिटिश ‘गवर्नर जनरल'' वारेन हेस्टिंग्स के खिलाफ 18 वीं सदी में ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' में चले मुकदमे का जिक्र किया। हेस्टिंग्स का...

इंटरनेशनल डेस्कः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग की कार्यवाही के दौरान अभियोजकों ने भारत के प्रथम ब्रिटिश ‘गवर्नर जनरल' वारेन हेस्टिंग्स के खिलाफ 18 वीं सदी में ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स' में चले मुकदमे का जिक्र किया। हेस्टिंग्स का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। दरअसल, ट्रंप ने दलील दी है कि चूंकि राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है, इसलिए उनके खिलाफ सीनेट (अमेरिकी संसद के उच्च सदन) द्वारा महाभियोग की कार्यवाही किया जाना असंवैधानिक है।

अमेरिकी अधिकारियों ने उनकी यह दलील खारिज करने के लिए हेस्टिंग्स का उदाहरण दिया। अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग कार्यवाही की संवैधानिक वैधता को 44 के मुकाबले 56 वोटों से पुष्टि की, जिससे पहले दोनों पक्षों--सदन की महाभियोग कार्यवाही के प्रबंधकों और ट्रंप का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों--की ओर से दलील पेश की गई। इसके साथ ही, अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति (ट्रंप) के खिलाफ ऐतिहासिक महाभियोग की कार्यवाही का मार्ग प्रशस्त हो गया।

बुधवार से दोनों पक्षों के पास अपना-अपना मामला 100 सदस्यीय सीनेट के समक्ष पेश करने के लिए 16 घंटे का वक्त होगा, जिसके बाद आगे चलकर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर मतदान होगा। ट्रंप (74) पर छह जनवरी को कैपिटल हिल हिंसा भड़काने और देश में लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप है। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सदस्यों की संख्या 50-50 है। ट्रंप पर महाभियोग के लिए सीनेट को सदन के महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में 67 वोटों की जरूरत होगी।

ट्रंप के खिलाफ कार्यवाही का बचाव करते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (संसद के निचले सदन) के डेमोक्रेट सदस्य एवं महाभियोग प्रबंधन जेमी रस्किन ने कहा, ‘‘हमारा मामला मजबूत साक्ष्यों पर आधारित है। ट्रंप ने सीनेट को इस मामले के तथ्यों पर सुनवाई करने से रोकने के लिए आज यहां अपने वकील भेजे हैं। वे कोई साक्ष्य पेश किये जाने से पहले ही सुनवाई संपन्न करने चाहते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘पहला उदाहरण, बिटिश शासन के इतिहास से है और इतिहास से अवगत किसी भी व्यक्ति को यह पता होगा कि पद का दुरूपयोग करने के लिए पूर्व अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाता थ।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह ब्रिटिश उपनिवेश बंगाल के पूर्व गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स एवं एक भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही थी।''

हेस्टिंग्स 1772-1774 तक बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल थे और वह 1774 से 1785 तक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल थे। इंग्लैंड लौटने पर उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू हुई थी। कथित कुप्रबंधन, दुर्व्यव्यहार और भारत में भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त रहने को लेकर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। सुनवाई 1788 में शुरू हुई थी। हालांकि, विभिन्न रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें 1795 में सुनवाई में बरी कर दिया गया था।

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