पाक मीडिया में छाया जनरल बाजवा की नियुक्ति का मुद्दा

Edited By ,Updated: 27 Nov, 2016 06:29 PM

the issue of the appointment of general bajwa

पाकिस्तानी मीडिया और विशेषज्ञों ने कहा है कि जनरल कमर बाजवा की ‘लोकतंत्र समर्थक साख’ और चर्चा से दूर रहने की उनकी छवि ने प्रधानमंत्री नवाज...

इस्लामाबाद:पाकिस्तानी मीडिया और विशेषज्ञों ने कहा है कि जनरल कमर बाजवा की ‘लोकतंत्र समर्थक साख’ और चर्चा से दूर रहने की उनकी छवि ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को चार दूसरे शीर्ष जनरल को दरकिनार करते हुए उन्हें नियुक्त करने के लिए प्रभावित किया।

पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र ‘द न्यूज’ ने लिखा है,‘‘जनरल बाजवा के परिचय की सहज समीक्षा से स्पष्ट यह बात प्रदर्शित होती है कि उनकी लोकतंत्र समर्थक साख ने उन्हें सेना प्रमुख का पद दिलवाया।’’मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री एेसा सेना प्रमुख नियुक्त करना चाहते थे जो सैन्य विशेषज्ञ होने के साथ-साथ पाकिस्तान में लोकतंत्र का हिमायती भी हो।पाकिस्तान की स्थापना के बाद से 70 वर्षों की अवधि में आधे से अधिक समय तक सेना ने शासन किया है।

‘द न्यूज’ ने कहा,‘‘सेना प्रमुख पद के लिए जिन चार जनरल के नाम पर विचार हो रहा था वे सैन्य अकादमी से एक ही दिन निकले थे,लेकिन जनरल बाजवा का अनुभव अन्य से कहीं ज्यादा विविध है।जनरल बाजवा की क्षमता,साख, अनुभव और सबसे बड़े कोर को संभालना भी उनको सेना प्रमुख नियुक्त होने में मदद की।’’

एक अन्य प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने लिखा है,‘‘असैन्य सरकार के साथ संबंध को लेकर जनरल बाजवा का तुलतनात्मक रूप से अधिक उदारवादी राय है। कहा जाता है कि यह बात प्रधानमंत्री शरीफ के फैसले में निर्णायक साबित हुई।’’जनरल बाजवा के एक पूर्व कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि नवनियुक्त सेना प्रमुख ‘असैन्य दायरे में सेना के दखल नहीं देने के धुर पक्षधर हैं।’ 

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