अध्ययन में खुलासा,दुनियाभर में ज्यादातर चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नहीं

Edited By Isha,Updated: 27 Apr, 2018 06:01 PM

the study reveals most of the elections in the world are not free and fair

दुनियाभर में आज की तारीख में चुनाव की संख्या भले ही अधिक हो गई हो लेकिन उसने लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने में शायद ही कुछ किया। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है।

लंदनः दुनियाभर में आज की तारीख में चुनाव की संख्या भले ही अधिक हो गई हो लेकिन उसने लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने में शायद ही कुछ किया। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है।  बर्मिंघम विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स के इस अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादातर राष्ट्रीय चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नहीं हुए , जिससे निरंकुश नेता सत्ता में बने रहे और नई प्रौद्योगिकी के उभार में अपने ढंग से चीजों को पेश करने में उन्हें मदद पहुंचायी। शोधकर्ताओं ने याले बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘ चुनाव में गड़बड़ी कैसे करें ’ में यह खुलासा किया है।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने आज जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि बेलारुस , केन्या , मेडागास्कर , नाईजीरिया , थाईलैंड , ट्यूनीशिया , समेत विभिन्न देशों में 500 से अधिक लोगों के साक्षात्कार एवं जमीनी स्तर पर वहां के चुनाव का अनुभव कर चुके प्रोफेसर निक चीसेमैन और ब्रिया क्लास लोकतांत्रिक अवमूल्यन का खुलासा करते हैं जिससे दुनियाभर में तानाशाहों को लाभ पहुंचा।

सबसे चिंता की बात , जो शोध में सामने आयी , वह यह है कि इन चुनावों से निरंकुश नेता सत्ता से हट नहीं पाते , साथ ही कई मामलों में रुग्ण निरंकुश शासन को बल मिला तथा वैध दिखने लगे। फलस्वरुप निरंकुश प्रणाली , जो चुनाव कराती है , अन्य के तुलना में अधिक स्थिर बन गई। 

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