Edited By shukdev,Updated: 30 May, 2018 05:39 PM
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह चीन पर व्यापार प्रतिबंधों को अंतिम रूप दे रहे हैं। हालांकि , इस बीच अमरीका का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बीजिंग यात्रा की तैयारी में है। व्हाइट हाउस ने कहा कि चीन पर मार्च में...
वाशिंगटन : अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह चीन पर व्यापार प्रतिबंधों को अंतिम रूप दे रहे हैं। हालांकि , इस बीच अमरीका का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बीजिंग यात्रा की तैयारी में है। व्हाइट हाउस ने कहा कि चीन पर मार्च में जो प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई थी वे मुख्य रूप से चीन द्वारा अमरीकी बौद्धिक संपदा की चोरी से संबंधित हैं। इन पर अभी काम चल रहा है और आगामी महीने में इसके ब्योरे की घोषणा होगी।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव करने पर बनी थी सहमति
व्हाइट हाउस के रुख में दो सप्ताह के भीतर यह बदलाव देखा गया है। इससे पहले दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव कम करने पर सहमति बनी थी। दस दिन पहले ही अमरीका के वित्त मंत्री स्टीवन नूचिन ने कहा था कि चीन के माल पर शुल्क लगाने की पहल ‘स्थगित’ रखी गई है। वहीं चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि व्हाइट हाउस का यह कदम कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच बनी सहमति का उल्लंघन है। मंत्रालय ने कहा , ‘अमरीका जो भी कदम उठाएगा, चीन के पास अपने देश के लोगों और देशहित को सुरक्षित रखने के लिए पूरा विश्वास, क्षमता और अनुभव मौजूदा है। ’
चीन के 50 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने से अमरीकी उपभोक्ता बुरी तरह प्रभावित
इस बीच , पीटीआई की खबर के अनुसार उद्योग के नेताओं तथा सांसदों ने चेताया है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन के 50 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर 25 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने से अमरीकी उपभोक्ता बुरी तरह प्रभावित होंगे। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा था कि अमरीका चीन के 50 अरब डॉलर के उत्पादों पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाएगा।
यूएस चैंबर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी थॉमस जे डोनोह्यू ने मंगलवार को कहा, ‘यूएस चैंबर प्रशासन के चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार से निपटने के कदम का समर्थन करता है। हालांकि, हमारा मानना है कि इस तरह के शुल्क से अमरीकी कंपनियों और उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा।’
सांसद और संयुक्त आर्थिक समिति के चेयरमेन इरिक पॉलसन ने कहा कि चीन को अमरीकी बौद्धिक संपदा के संरक्षण में अपनी विफलता को स्वीकार करना चाहिए। हालांकि इस तरह का शुल्क प्रभावी जवाब नहीं है क्योंकि इससे अमरीकी नौकरियां और उपभोक्ता प्रभावित होंगे।