Edited By rajesh kumar,Updated: 06 May, 2022 12:57 PM
पिछले महीने 26 अप्रैल को अमरीका में कनेक्टिकट स्टेट असेंबली द्वारा खालिस्तान का समर्थन करने वाले ऑर्गेनाइजेशन ‘वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट’ को उसके ‘सिख स्वतंत्रता घोषणापत्र’ की 36 वीं वर्षगांठ पर बधाई देने के मामले में अब विवाद खड़ा हो गया है।
वाशिंगटन: पिछले महीने 26 अप्रैल को अमरीका में कनेक्टिकट स्टेट असेंबली द्वारा खालिस्तान का समर्थन करने वाले ऑर्गेनाइजेशन ‘वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट’ को उसके ‘सिख स्वतंत्रता घोषणापत्र’ की 36 वीं वर्षगांठ पर बधाई देने के मामले में अब विवाद खड़ा हो गया है। इसी क्रम में प्रभावशाली भारतीय-अमरीकी समूहों ने कनेक्टिकट स्टेट असेंबली को उसके उस आधिकारिक पत्र को रद्द करने का अनुरोध किया है, जिसमें तथाकथित सिख स्वतंत्रता घोषणा पत्र की वर्षगांठ पर एक अलगाववादी सिख निकाय को बधाई दी थी।
भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर करने का प्रयास रिपोर्ट के मुताबिक कई भारतीय-अमेरिकी समूहों और समुदाय के नेताओं ने कनेक्टिकट आम सभा के सदस्यों और उसके नेतृत्व को इस कदम के खिलाफ पत्र लिखे हैं। उनका कहना है कि इस तरह का पत्र भारत की भूभागीय अखंडता पर सवाल उठाता है और बढ़ते भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर करता है। ‘मिलान कल्चरल एसोसिएशन ऑफ कनेक्टिकट’ ने कहा है कि यह पत्र हमारे कनेक्टिकट के हित में नहीं है। इसलिए आपसे इसे रद्द करने का आग्रह किया जाता है। पत्र असली मुद्दों से अनभिज्ञता का परिचायक है।
कनेक्टिकट में भारतीय-अमेरिकी समुदाय से वार्ता और परामर्श किए बिना एक अवांछित क्षेत्र में दखल दिया गया है। एफआईए ने बताया गैर जिम्मेदाराना कदम ओहियो में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) ने कहा कि कनेक्टिकट आम सभा का पत्र जारी करने का निर्णय गैर जिम्मेदाराना कदम है। न्यू इंग्लैंड में एफआईए ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिक रूप से प्रेरित विध्वंसक हितों के लिए समुदाय के भीतर तनाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से संकीर्ण, नापाक और निंदनीय एजेंडे के तहत कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गलत सूचना के आधार पर पत्र जारी किया गया है।
भारत की अखंडता का है सवाल
न्यू जर्सी और कनेक्टिकट के एफआईए ने कनेक्टिकट की आम सभा के निर्वाचित सदस्यों से इस दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण कदम को जल्द से जल्द निपटने का आग्रह किया है। न्यूयॉर्क में द एसोसिएशन ऑफ इंडियन्स इन अमेरिका ने कहा कि यह अपमानजनक पत्र भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का अपमान करता है। हम आम सभा के सदस्यों से इसे वापस लेने का आग्रह करते हैं। वहीं अमरीकन इंडियन पब्लिक अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सेवहानी ने कहा कि यह पत्र बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।