ब्रैग्जिट मुद्दे पर थरेसा ने चला आखिरी दांव, कहा-सांसदों के पास 'आखिरी मौका'

Edited By Tanuja,Updated: 22 May, 2019 12:46 PM

theresa may appeals over mps  heads for last brexit support

ब्रैग्जिट मुद्दे पर घिरी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थरेसा मे ने अपने सांसदों से अपील की है कि वो ब्रैग्जिट की ''नई डील'' का समर्थन करें ऐसा करने का उनके पास ''आखिरी मौका'' है...

लंदनः ब्रैग्जिट मुद्दे पर घिरी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थरेसा मे ने अपने सांसदों से अपील की है कि वो ब्रैग्जिट की 'नई डील' का समर्थन करें ऐसा करने का उनके पास 'आखिरी मौका' है। थरेसा मे ने कहा कि अगर सासंद यूरोपीय संघ से अलग होने के विधेयक का समर्थन करेंगे तो उन्हें इस बात पर मतदान करने का मौका मिलेगा कि क्या ब्रैग्जिट को लेकर दूसरी बार जनमत संग्रह होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैं इस अहम मुद्दे पर सदन में सच्ची और ईमानदार भावनाओं की कद्र करती हूं। सरकार दूसरा जनमत संग्रह कराने के मुद्दे पर वोटिंग करा सकती है, लेकिन ये तभी होगा जब ईयू से अलग होने से जुड़े समझौते को मंज़ूरी मिल जाए।" बता दें कि इसके पहले थरेसा का बिल संसद में तीन बार खारिज किया जा चुका है । अब मे का कहना है कि इस बार उन्होंने बिल में कुछ बदलाव कर 10 नए प्वाइंट जोड़े हैं। उनका कहना है कि अगर समझौते को समर्थन नहीं मिलता तो शायद ब्रैग्जिट ही ना हो।

लेकिन मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन का कहना है कि उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन नहीं कर सकती, क्योंकि ये पहले वाले बिल का ही बदला हुआ रूप है। इसमें बाज़ार के एकत्रीकरण या सीमा शुल्क संघ या अधिकारों के संरक्षण, खासकर ग्राहकों के अधिकारों और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में कोई बात नहीं की गई है।" जेरेमी कॉर्बिन के इस सवाल पर थरेसा मे का कहना है कि ये बिल श्रमिक अधिकारों, पर्यावरण सुरक्षा और उत्तरी आयरिश सीमा जैसे मसलों के हल का भरोसा देता है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मे की पार्टी के ही कुछ नेता इस बिल का समर्थन नहीं कर रहे हैं।कंज़रवेटिव पार्टी से सांसद के जैकब रीस-मॉग ने कहा कि मे का ये प्रस्ताव 'पहले वाले प्रस्ताव से भी खराब है'। सारी कोशिशें करने के बाद थरेसा मे आखिरी दांव के तौर पर जून की शुरुआत में ब्रैग्जिट समझौता विधेयक को संसद के सामने पेश करने जा रही हैं।इससे पहले भी वह समझौते पर सहमति बनाने की पुरज़ोर कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन हर बार उन्हें नाकामी ही हाथ लगी। मार्च में तो उन्होंने टोरी सांसदों से ये वादा तक कर दिया था कि यदि उन्होंने यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए ब्रैग्जिट डील का समर्थन किया तो वे अपनी कुर्सी छोड़ देंगी।
 

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