Edited By Isha,Updated: 13 Jun, 2018 04:25 PM
एक महिला द्वारा आंतरिक्ष एजैंसी नासा पर केस किया गया है। इसके पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है। दरअसल जब वो 10 साल की थी तो चांद पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग ने उन्हें
वाशिंगटन: एक महिला द्वारा आंतरिक्ष एजैंसी नासा पर केस किया गया है। इसके पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है। दरअसल जब वो 10 साल की थी तो चांद पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग ने उन्हें उपहार मे अपने हाथों से लिखे एक लेटर के साथ एक छोटी बॉटल में मून डस्ट गिफ्ट की थी। इस बात का पता नासा को चलने पर एजैंसी ने उस शीशी की महिला से मांग की। महिला द्वारा शीशी पर अपने हक के लिए नासा के खिलाफ केस किया गया है।
अमेरिका के Cincnnnati की रहने वाली एक महिला जिसका नाम लौरा सिको बताया जा रहा है, उन चंद खुशकिस्मत लोगों में से हैं जो कि चांद के एक हिस्से पर अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं। लौरा सिको ने NASA पर केस किया हैं, कि NASA उनसे उनका हिस्सा वापस लेने की कोशिश नहीं करेगा। 1970 में सिको जब महज 10 साल की थीं, तब उन्हें पहले अंतरिक्षयात्री नील आर्म स्ट्रांग ने अपने हाथों से लिखे एक लेटर के साथ एक छोटी बॉटल में मून डस्ट गिफ्ट की थी। नील, सिको के पिता के दोस्त थे, जो कि US आर्मी में थे। सालों बाद उन्हें अपने पेरेंट्स के सामान में से वो बॉटल वापस मिली है। अब सिको उस पर अपना हक जताना चाहती है, वे नहीं चाहती कि NASA उनसे वो बॉटल वापस ले।
मून डस्ट की उस बॉटल पर NASA अपनी दावा आपत्ति ना जता सके, इसलिए महिला ने इस हफ्ते इस मामले को लेकर फेडरल कोर्ट में केस लगाया है, वहीं अभी तक NASA ने ना तो बॉटल वापस लेने की कोई कोशिश की है, और ना ही उनकी तरफ से ऐसा कोई बयान सामने आया है। हालांकि NASA की तरफ से पहले भी चांद से जुड़े किसी भी सामान पर अपना हक जताने की घटनाएं हो चुकी हैं। महिला के पास जो मून डस्ट की बॉटल है, उसका दो बार टेस्ट हो चुका है। वैज्ञानिकों ने भी इसके चांद का हिस्सा होने की पुष्टि कर दी है। अब देखना ये है कि NASA की तरफ से इस पूरे मामले में क्या फैसला होता है। इस बीच नासा के प्रवक्ता का बयान सामने आया है जिसमें एजैंसी ने कहा है कि इस बात पर कोई भी टिप्पणी करना अनुचित होगा।