Bye Bye 2019: ट्रंप के लिए कई चुनौतियां लेकर आया यह साल, 2020 में होगा किस्मत का फैसला

Edited By vasudha,Updated: 27 Dec, 2019 10:21 AM

this year brought many challenges for trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए वर्ष 2019 एक ओर जहां घरेलू मामलों में महाभियोग जैसी कार्रवाई की चुनौतियां खड़ी करने वाला रहा, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईएस के खिलाफ अभियान में और एक नये व्यापार समझौते के रूप में उन्हें दो बड़ी...

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए वर्ष 2019 एक ओर जहां घरेलू मामलों में महाभियोग जैसी कार्रवाई की चुनौतियां खड़ी करने वाला रहा, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईएस के खिलाफ अभियान में और एक नये व्यापार समझौते के रूप में उन्हें दो बड़ी सफलताएं भी मिलीं। दरअसल, इसी साल अमेरिकी कमांडो के एक अभियान में इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का सरगना अबू बक्र अल बगदादी मारा गया। वहीं, अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको के साथ एक नया व्यापार समझौता भी किया। अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में वाशिंगटन ने तालिबान को वार्ता के लिए आमंत्रित किया लेकिन बाद में वार्ता के समाप्त होने की घोषणा कर दी और आखिरकार इसे पुन:बहाल कर दिया। 

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उत्तर कोरिया के मामले में, जहां ट्रंप को एक ऐतिहासिक समझौते की मध्यस्थता करने की आशा थी, वहां के शासक किम जोंग उन के साथ एक बहुप्रतीक्षित शिखर बैठक गतिरोध के साथ खत्म हुई। बाद में ट्रंप ने आनन-फानन में नयी बैठक का इंतजाम किया लेकिन साल के अंत में उत्तर कोरिया ने रॉकटों का परीक्षण कर धमकी दी कि यदि अमेरिका ने रियायतों की पेशकश नहीं तो खास तरह का क्रिसमस का उपहार दिया जाएगा। वहीं, वेनेजुएला में ट्रंप को सफलता नहीं मिल पाई, जहां विपक्ष को अमेरिकी समर्थन के बावजूद वामपंथी नेता निकोलस मादुरो सत्ता में लौट आए। 

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चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध में साल के अंत में तनाव कुछ कम हुआ जब एक छोटे समझौते के तहत ट्रंप ने कुछ शुल्क हटाने की घोषणा की, जिसके एवज में बीजिंग ने और अधिक अमेरिकी वस्तुएं खरीदने का संकल्प लिया। लेकिन विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तकरार अब भी कायम है। ट्रंप द्वारा सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को हटाने का आदेश दिए जाने की उनके रिपब्लिकन सहयोगियों ने आलोचना की। दरअसल, उनकी इस घोषणा ने तुर्की के लिए कुर्द लड़ाकों पर हमले का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। दिसंबर में नाटो की शिखर बैठक में ट्रंप की सहयोगी देशों के कई नेताओं के साथ तकरार भी देखने को मिली और उनका उपहास उड़ाया गया। वह पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने की अपनी घोषणा पर आगे बढ़े।

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वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार 18 दिसंबर को ट्रंप के महाभियोग के साये में शुरू हुआ, जब अमेरिकी संसद के डेमोक्रेट सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर मतदान किया कि ट्रंप ने अमेरिका के घरेलू मामले में हस्तक्षेप के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर के पूर्व सहयोगी नील गार्डिनर ने कहा है कि ट्रंप ने महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि इराक और सीरिया में आईएसआईएस के 99 फीसदी भू क्षेत्र को वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ईरान को भी कमजोर किया है जहां नवंबर में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। घरेलू स्तर पर ट्रंप को एक बड़ी विधायी कामयाबी उस वक्त हाथ लगी जब डेमोक्रेट नीत सदन ने उत्तर अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते के लिए समर्थन किया। 

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