सहर खोडयारी: अपनी कुर्बानी देकर महिलाओं को 40 साल पुराने बंधन से किया आजाद

Edited By vasudha,Updated: 13 Oct, 2019 12:19 PM

thousands of eyes saw his unfulfilled dream come true

तेहरान के आजादी स्टेडियम में वीरवार को हजारों महिलाओं ने पुरूषों का फुटबॉल मैच देखा। दशकों की पाबंदी के बाद यह पहला मौका था जब ईरान का झंडा लिए महिलाएं फुटबॉल स्टेडियम में नजर आईं...

नई दिल्ली: तेहरान के आजादी स्टेडियम में वीरवार को हजारों महिलाओं ने पुरूषों का फुटबॉल मैच देखा। दशकों की पाबंदी के बाद यह पहला मौका था जब ईरान का झंडा लिए महिलाएं फुटबॉल स्टेडियम में नजर आईं। देश में आए इस बदलाव की वजह बनी 29 बरस की सहर खोडयारी जिसने अपनी जान देकर दुनियाभर को इस दिशा में सोचने पर मजबूर किया। ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से महिलाओं पर पुरूषों का फुटबाल मैच देखने पर पाबंदी थी। इसके लिए तर्क यह दिया गया कि महिलाओं को आधे-अधूरे कपड़े पहने पुरुषों को देखने से बचना चाहिए। दुनिया में ईरान अकेला ऐसा देश था जहां महिलाओं पर इस तरह की पाबंदी बाकी थी। 

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सऊदी अरब ने हाल ही में अपने यहां की महिलाओं को इस पाबंदी से आजाद कर दिया था। इस दौरान महिलाएं अपने अपने तरीके से इस रोक का विरोध करती रहीं। कुछ ने इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया तो कुछ अन्य ने रोक के खिलाफ अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के दरवाजे पर दस्तक दी। इस सबके बीच सहर खोडयारी ने इसी वर्ष मार्च में अपनी पसंदीदा टीम को खेलते देखने की जिद ठान ली और पुरूषों के कपड़े पहनकर स्टेडियम जा पहुंची। उसकी पसंदीदा टीम नीली जर्सी पहनती थी लिहाजा उसने नीले रंग का विग भी पहना। इस सबके बावजूद वह सुरक्षाकर्मियों की नजर से बच नहीं पाई और उसे तीन दिन हवालात में गुजारने पड़े। 

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जमानत पर रिहा होने के बाद सहर को छह महीने बाद 2 सितंबर को अदालत में पेश होना था। उसे सजा से डर लगता था, लिहाजा उसने अदालत के नजदीक ही खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां एक सप्ताह बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना ने दुनियाभर में उसे ‘ब्लू गर्ल' के नाम से मशहूर कर दिया और फीफा से लेकर देश दुनिया के मानव अधिकार संगठनों ने ईरान सरकार पर इस पाबंदी को हटाने के लिए दबाव डाला। ईरान सरकार को अंतत: इस दबाव के सामने झुकना पड़ा और इसी का नतीजा था कि सहर खोडयानी ने उन चार हजार महिलाओं की आंखों में अपने सपने को सच होते देखा जो ईरान और कंबोडिया के बीच तेहरान के आजादी स्टेडियम में खेले गए 2022 के विश्व कप फुटबाल मुकाबले का क्वालीफायर मैच देखने गई थीं। 

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ईरान के चाहरमहल और बख्तियारी प्रांत की किआर काउंटी में 1990 में जन्मी सहर का परिवार बाद में तेहरान चला गया। उनके परिवार में माता पिता के अलावा उनकी एक बहन है। सहर को बचपन से ही फुटबॉल में दिलचस्पी थी और एस्टेगलल फ़ुटबॉल क्लब उनका पसंदीदा क्लब था। उन्होंने अंग्रेजी और कंप्यूटर साइंस में विश्विवद्यालय से डिग्री ली थी। अपनी एक छोटी सी ख्वाहिश को पूरा करने की ललक सहर की मौत की वजह बनी लेकिन उसकी मौत ने ईरान की महिलाओं को चार दशक पुराने बंधन से आजादी दिला दी। 

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