Edited By ,Updated: 10 Oct, 2015 04:05 PM
अमरीका ने कहा है कि वह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के किसी भी योगदान का स्वागत करता है और इस दिशा में उसके साथ काम करने के लिए उत्साहित है।अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल कहा....
वाशिंगटन :अमरीका ने कहा है कि वह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के किसी भी योगदान का स्वागत करता है और इस दिशा में उसके साथ काम करने के लिए उत्साहित है।अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने और स्वच्छ उर्जा पहलों में हमारी मदद की दिशा में भारत के किसी भी योगदान का स्वागत है और हम इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उसके साथ करीबी सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं।’’
गौरतलब है कि भारत ने 2005 के स्तर से अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 35 प्रतिशत की कटौती का वादा किया है। भारत ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य 2030 तक जीवाश्म ईंधन आधारित उर्जा संसाधनों से करीब 40 प्रतिशत संचयी विद्युत उर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करना है।
जानकारी के मुताबिक भारत इस साल के आखिर में पेरिस में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहली अपनी उत्सर्जन योजनाएं सौंपकर बड़े पर्यावरण प्रभाव वाले सुधार लागू कर सकता है। पिछले दो सालों में भारत ने डीजल की खपत पर सब्सिडी हटा दी है और सब्सिडी वाले द्रवीकृत प्राकृतिक गैस पर सब्सिडी हटाकर इसके बदले गरीबों को नकद राशि देना शुरू कर दिया है जिससे लोग किफायत से गैस का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक भारत का उत्र्सजन उसके प्रतिद्वंद्वी चीन से तब भी हाल फिलहाल बहुत कम है। भारत के बड़े प्रदूषक जैसे उसका विनिर्माण क्षेत्र और मध्यम वर्ग तुलनात्मक रूप से कम उत्र्सजन करते हैं। हमेशा की तरह भारत अपने ही तरीके से आगे बढ़ेगा। लेकिन वह इसके लिए और ज्यादा कर सकता है।’’