Edited By Tanuja,Updated: 17 Mar, 2019 12:09 PM
जर्मनी में टॉयलेट पेपर की खरीद से जुड़ा एक अजीब मामला सामने आया है। यहां के शहर फुचस्तल में 12 साल बाद टॉयलेट पेपर के उस स्टॉक को खत्म किया, जो उसने गलती से 12 साल पहले खरीद लिया गया था...
बर्लिनः जर्मनी में टॉयलेट पेपर की खरीद से जुड़ा एक अजीब मामला सामने आया है। यहां के शहर फुचस्तल में 12 साल बाद टॉयलेट पेपर के उस स्टॉक को खत्म किया, जो उसने गलती से 12 साल पहले खरीद लिया गया था। साल 2006 काउंसिल ने पैसे बचाने के लिए गलती से इतनी बड़ी संख्या में टॉयलेट पेपर का ऑर्डर दे दिया था, जो 12 साल तक चलता। आखिरकार उन्होंने टॉयलेट पेपर का स्टॉक खत्म कर लिया है। जर्मनी के ब्रैवेरिया प्रांत के फुचस्तल शहर में गलती से दो ट्रक टॉयलेट पेपर का ऑर्डर 2006 में दे दिया था लेकिन, जब पहला ट्रक टॉयलेट पेपर लेकर पहुंचा तब प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने दूसरे ट्रक का ऑर्डर कैंसिल कर दिया।
इस शहर में सिर्फ चार हजार लोग रहते हैं और इसके हिसाब से ऑर्डर काफी ज्यादा था। हालांकि, दूसरा ऑर्डर रद्द करने के बाद भी उनके पास इतनी बड़ी मात्रा में टॉयलेट पेपर मुसीबत बन गया। प्रशासन की मुसीबतें तब और बढ़ गईं, जब स्थानीय निवासियों ने इस टॉयलेट पेपर को घटिया क्वालिटी का बताकर इस्तेमाल करने से मना कर दिया। लोगों का कहना था कि यह पीले पड़ने लगे थे। टॉयलेट पेपर का स्टॉक इतना बड़ा था कि प्रशासन को उसका भंडारण करने में काफी मुश्किल हुई। उन्हें कई सार्वजनिक इमारतों और गोदामों में रखवाया गया। साथ ही सभी स्कूलों, फायर हाउस और हॉन के अलमारियों में भी इन्हें रखवाना पड़ा।
प्रशासन ने चार लोगों की एक टीम का गठन किया, जो घर-घर जाकर इन टॉयलेट पेपर का वितरण करें। हालांकि, इस स्टॉक से शहर के काफी पैसे बच गए। शहर के मेयर इरविन क्राग ने बताया, हम टॉयलेट पेपर पर खर्च होने वाले 855 डॉलर बचाने में कामयाब रहें क्योंकि हर साल इसकी कीमतों में बढ़ोतरी होती गई। इस बचत से सीख लेते हुए प्रशासन ने अपना अगला ऑर्डर दे दिया है। हालांकि, उन्होंने इस बात का ध्यान रखा है कि इस बार इतना ज्यादा ऑर्डर न दे दें। इस बार यह टॉयलेट पेपर सफेद रंग के होंगे और एक बार में डिलीवर नहीं किए जाएंगे।