Edited By ,Updated: 07 Aug, 2016 04:53 PM
जानवर को इंसानों का वफादार माना जाता रहा है, इंसान अपनी जरुरत को समझते हुए अपने हर काम को कर लेता है लेकिन जानवर ...
नई दिल्ली : जानवर को इंसानों का वफादार माना जाता रहा है, इंसान अपनी जरुरत को समझते हुए अपने हर काम को कर लेता है लेकिन जानवर जिसे अपनी भूख प्यास मिटाने के लिए प्राकृति का सहारा लेना पड़ता हैं। जानवर और इंसान के बीच की क्रूरता का एक मामला सामने आया जब कुछ लोगों ने बेजुबान जानवर पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।
बता दें कि 9 महीने की इस बंगाल टाइग्रिस पर सर्कस में इतना अत्याचार किया गया इसका वजन 13 किलो रह जो एक 3 महीने के टाइग्रिस का होना चाहिए। आशा नाम की यह टाइग्रिस एक ट्रैवलिंग सर्कस के साथ पास थी। इसको टेक्सास की वाइल्ड लाइफ रेसक्यू और एजुकेशनल सेंटर के विकी कीही ने निकाला।
झड़ गए थे बाल जगह- जगह थे चोट के निशान
बताया जा रहा है कि इस टाइग्रिस के बाल झड़ चुके थे और स्किन पूरी तरह से ड्राई हो चुकी थी। जगह-जगह चोट के निशान थे और ब्लीडिंग हो रही थी। रेसक्यू सेंटर आने के बाद इसकी पूरी देखभाल की गई। मेडिसिन देने के साथ ही इसके साथ टाइम बिताया गया। मेडिकेटेड बाथ से रिकवरी आसानी से हुई। 8 माह की देखभाल के बाद यह रियल टाइगर की तरह दिखनी लगी। इसे स्मगलर नाम के टाइगर से मिलवाया गया। अब दोनों साथ रहते हैं।