Edited By Tanuja,Updated: 12 Dec, 2020 01:33 PM
भारत के किसान आंदोलन मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंच पर भड़काने में लगे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोधी एक ओर चेहरा सामने आया है ...
टोरंटो: भारत के किसान आंदोलन मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंच पर भड़काने में लगे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोधी एक ओर चेहरा सामने आया है । खुफिया रिपोर्ट में पता चला कि खालिस्तान समर्थकों के चहेते ट्रूडो ने चीन के साथ एक सीक्रेट डील की थी । ट्रूडो ने चीन के साथ मिलकर शीतकालीन युद्धाभ्यास की योजना बनाई थी । दोनों देश अमेरिका की नाक के नीचे चीनी सैनिक युद्धाभ्यास करने वाले थे लेकिन ऐन वक्त पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का प्लान धरा का धरा रह गया। टॉप सीक्रेट दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि वर्ष 2019 में चीन की सेना और कनाडा की सेना के बीच सर्दियों के मौसम में युद्धाभ्यास की योजना बनी थी।
यह युद्धाभ्यास होने ही वाला था कि कनाडा के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जोनाथन वेंस ने इस योजना को रद्द कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो चीन के साथ सैन्य रूप से जुड़ना चाहते थे। वह चाहते थे कि पीएलए कनाडा के बलों के साथ प्रशिक्षण ले। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक टॉप सीक्रेट दस्तावेजों से पता चलता है कि जनरल वेंस के चीनी सेना के साथ अभ्यास की योजना को रद करने के बाद वैश्विक मामलों के मंत्रालय को अपने कदम पीछे खींचने पडे़ थे। साथ ही चेतावनी दी थी कि पीएलए इसे दो कनाडाई लोगों की गिरफ्तारी के बदले के रूप ले सकती है। सरकारी दस्तावजों के मुताबिक वर्ष 2019 में जनरल वेंस के सैन्य अभ्यास को रद करने के बाद भयभीत हो गए थे।
दस्तावेजों में कहा गया है कि अमेरिका ने भी इस संयुक्त अभ्यास पर चिंता जताई थी और कहा था कि इससे चीन को फायदा हो सकता है। वर्ष 2019 में कनाडा के उप विदेश मंत्री इआन शुगर्त ने कहा था, 'क्या कनाडा को चीन के साथ सैन्य संबंधों को काफी हद तक कम कर देना चाहिए? चीन इसे मेंग वानझाऊ मामले में बदले की कार्रवाई के रूप में ले सकता है।' एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने कहा कि जनरल वेंस ने अमेरिका के अनुरोध पर चीन के साथ अभ्यास और सभी तरह के सैन्य संवाद को रद्द कर दिया था। उधर, सेना के चीन के साथ सैन्य अभ्यास को रद्द कर देने पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भड़क गए थे। हालांकि जनरल वेंस ने वुहान में चल रहे मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स में कनाडा के सैनिकों को हिस्सा लेने की अनुमति दे दी थी।
स्विट्जरलैंड-चीन के गुप्त समझौते का भी हुआ खुलासा
एक अन्य रिपोर्ट में स्विस सरकार और चीन के गुप्त समझौते का खुलासा हुआ है। स्विस सरकार ने उन आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है कि चीनी अधिकारियों को स्विट्जरलैंड में प्रवेश करने और चीनी नागरिकों से पूछताछ करने की अनुमति देने वाली डील ने असंतुष्टों को जोखिम में डाल दिया। स्विट्जरलैंड ने 2015 में वापस चीन के साथ तथाकथित पुन: समझौते में प्रवेश किया था और यह डील सोमवार को समाप्त हो गई।
स्विस अखबार के अनुसार यह डील जिसमें चीनी अधिकारियों को देश की यात्रा करने और निर्वासन के लिए निर्धारित चीनी नागरिकों से पूछताछ करने की शर्तें निर्दिष्ट थी, अगस्त में समाप्त होने तक एक रहस्य बना रहीं। एक मानवाधिकार अभियान समूह ने इस समझौते का अंग्रेजी अनुवाद साझा किया है जिसमें चीनी एजेंटों के लिए शर्तें रखी गई हैं और वे देश में कैसे काम करेंगे। चीनी एजेंटों को स्विट्जरलैंड की यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। उन्हें संदिग्ध चीनी नागरिकों के साक्षात्कार की अनुमति दी गई थी।
"गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के पांच साल बाद, किसी भी स्विस सांसद ने इस सौदे के बारे में कभी नहीं सुना था," उन्होंने 24 अगस्त को ट्वीट किया, चेतावनी दी कि हांगकांग, ताइवान और अन्य जगहों से "निर्वासन में असंतुष्ट", चीन के प्रत्यर्पण का जोखिम उठा सकते हैं। स्विस माइग्रेशन मंत्रालय ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि चीन के सौदे के बारे में कुछ भी गुप्त था, यह जोर देकर कहा कि यह एक मानक, "तकनीकी व्यवस्था" थी जैसा कि कुछ 60 अन्य देशों के साथ पहुंचा था।