अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव : ट्रंप ने खुद को बाइडेन से बेहतर बताने के प्रयास किए तेज

Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Jul, 2020 04:59 PM

trump accelerates efforts to put himself better than biden presidency

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान में 77 वर्षीय जो बाइडेन को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश करने की कोशिश की गई है, जो अपनी कुछ कुशाग्रता खो चुके हैं, लेकिन उनका यह दांव नवंबर में होने वाले वाले चुनाव के लिये पूर्व...

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान में 77 वर्षीय जो बाइडेन को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश करने की कोशिश की गई है, जो अपनी कुछ कुशाग्रता खो चुके हैं, लेकिन उनका यह दांव नवंबर में होने वाले वाले चुनाव के लिये पूर्व उपराष्ट्रपति की उम्मीदवारी को डिगा नहीं पाया है। यही कारण है कि 74 वर्षीय ट्रंप अपने संभावित डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडेन पर हमले तेज करने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रंप ने बुधवार रात एक टेलीविजन इंटरव्यू में पांच शब्दों का बार-बार जिक्र करे हुए अपनी दिमागी तंदुरूस्ती प्रदर्शित करने की कोशिश की। राष्ट्रपति ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा, ‘‘पहला सवाल बहुत आसान है। अंतिम सवाल कहीं अधिक कठिन है। याददाश्त पर आधारित सवाल की तरह। जैसे कि :व्यक्ति, महिला, पुरूष, कैमरा, टीवी। वे कहते हैं कि, ‘क्या आप दोहरा सकते हैं? इसलिये मैं कहता हूं, ‘हां। यह है :व्यक्ति, महिला, पुरूष, कैमरा, टीवी’ इसके बाद वह इस बात को याद करते हैं कि ज्ञान परीक्षा के अंत में चिकित्सक ने उनसे इसे फिर से दोहराने को कहा।

ट्रंप ने कहा, ‘और बोलें: ‘व्यक्ति, महिला, पुरूष, कैमरा, टीवी। ’यदि आप इसे व्यवस्थित रूप से कहेंगे तो आपको अतिरिक्त अंक मिलेगा। दरअसल, यह इतना आसान भी नहीं है लेकिन मेरे लिये यह आसान है।’ ट्रंप ने दावा किया कि उन्होने चिकित्सकों को चकित कर दिया क्योंकि ‘मेरे पास अच्छी याददाश्त है क्योंकि मैं यहां बौद्धिक रूप से सचेत हूं।’ पेन्सिलवानिया विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित व्हार्टन स्कूल में पढ़ने करने का जिक्र करते हुए ट्रंप यह घोषणा करने को लेकर जानते हैं कि ‘वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली हैं। ’

उन्होंने करीब एक महीने पहले अपने सहयोगियों को यह कहना शुरू किया था कि उन्होंने 2018 में एक शारीरिक जांच के तहत अपनी बौद्धिक चेतना की जांच कराई, जो बाइडेन के खिलाफ उनके हमले को कहीं अधिक धारदार बनाएगा। हालांकि, मियामी विश्वविद्यालय में तंत्रिकातंत्र विभाग के प्राध्यापक एवं डिमेंशिया केंद्र चलाने वाले डॉ. जेम्स गालविन ने कहा कि इससे ट्रंप को फायदा नहीं होने जा रहा है और यह इतना आसान भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ‘मांट्रियल कॉग्निटिव एसेसमेंट ’ का जिक्र किया, लेकिन यह कोई बौद्धिक क्षमता की जांच नहीं है। इससे यह नहीं पता चलता कि कोई व्यक्ति कितना तेज तर्रार है।

 

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