Edited By Tanuja,Updated: 11 Jun, 2018 10:23 AM
सिंगापुर में होने वाली एेतिहासिक शांति वार्ता के लिए सबसे बड़े 2 दुश्मन सिंगापुर पहुंच चुके हैं। एक दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं तो है, तो दूसरा छोटे से देश का तानाशाह किंग किम जोंग उन है...
सिंगापुरः सिंगापुर में होने वाली एेतिहासिक शांति वार्ता के लिए सबसे बड़े 2 दुश्मन सिंगापुर पहुंच चुके हैं। एक दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं तो है, तो दूसरा छोटे से देश का तानाशाह किंग किम जोंग उन है। ये दोनों सिंगापुर के सेंटोसा टापू के फाइव स्टार 'कपेला' होटल में 12 जून को मुलाकात करेंगे। इसके चलते इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं जिस पर 50 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया जा रहा है।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शियेन लूंग ने बताया कि उनका देश इस मुलाकात के लिए 20 मिलियन सिंगापुर डॉलर यानी 100 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। इस 100 करोड़ी मुलाकात के गवाह बनने के लिए विश्व के कोने-कोने से तीन हजार पत्रकार सिंगापुर पहुंच चुके हैं।यह मुलाकात इसलिए काफी अहम है, क्योंकि इससे ही तय होगा कि दुनिया शांति की राह में आगे बढ़ेगी या परमाणु युद्ध की आग में झुलसेगी। इस मुलाकात को मौजूदा वैश्विक राजनीति की सबसे बड़ी घटना माना जा रहा है।
उम्मीद की जा रही है कि 12 जून इतिहास के पन्नों में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा, क्योंकि यह पहली बार है, जब उत्तर कोरिया और अमरीका के सर्वोच्च नेता आमने-सामने आकर बातचीत करने जा रहे हैं। ट्रंप और किम का बातचीत के लिए राजी होना भी किसी चमत्कार से कम नहीं है, क्योंकि कुछ समय पहले दोनों देश टकराव की स्थिती में थे व सार्वजनिक रूप से ऐसी बदजुबानी कर रहे थे, जिसकी आमतौर पर किसी राष्ट्राध्यक्ष से उम्मीद नहीं की जाती है। जहां ट्रंप की उम्र 71 साल का है, तो वहीं किम की उम्र उनसे आधी यानी महज 34 साल है।
इन सबके बावजूद अब पूरी दुनिया चाहती है कि 12 जून को होने वाली दोनों की मुलाकात खुशनुमा माहौल में हो और बातचीत से शांति का रास्ता निकले। रविवार को किम जोंग उन ने सिंगापुर पहुंचकर वहां के प्रधानमंत्री ली शियेन लूंग से मुलाकात के बाद कहा कि अगर शिखर सम्मेलन में कोई समझौता हो जाता है तो सिंगापुर को इसके लिए इतिहास में याद किया जाएगा।