Edited By Tanuja,Updated: 28 Feb, 2019 01:27 PM
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आठ महीने पहले अपनी पिछली बैठक में हुई वार्ता को आगे बढ़ाने के मकसद से बृहस्पतिवार को हनोई में वार्ता के लिए लगातार दूसरे दिन बैठक की...
हनोई: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आठ महीने पहले अपनी पिछली बैठक में हुई वार्ता को आगे बढ़ाने के मकसद से बृहस्पतिवार को हनोई में वार्ता के लिए लगातार दूसरे दिन बैठक की। दोनों नेताओं के बीच सिंगापुर में पहली ऐतिहासिक बैठक हुई थी। विश्लेषकों का कहना है कि हनोई में उनकी दूसरी बैठक में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप किसी भी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं जगाना चाहते और इसी लिए उन्होंने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है।’’
मैं किसी को टेस्ट करने भी नहीं जा रहा।’ दोनों ने हनोई के मेट्रोपोल होटल में मुलाकात के साथ पहली बार साथ में डिनर भी किया। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने ट्रंप के विमान एयरफोर्स वन में पत्रकारों को पहले ही बता दिया था कि दोनों नेता साथ में खाना भी खाएंगे। डिनर के दौरान उनके करीबी सलाहकार साथ रहे। उन्होंने कहा कि परिणाम लंबे समय में मिलेंगे। ट्रंप ने किम के साथ मेट्रोपोल होटल में बैठक करने से पहले कहा, ‘‘हम देखेंगे कि क्या होगा। कोई जल्दबाजी नहीं है। हम उचित समझौता करना चाहते हैं।’’ वहीं किम ने ‘‘कुछ बड़ा हासिल करने, अंतत: अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ’’ कोशिश करने की बात कही।
दोनों नेता बैठक करने के बाद स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। ट्रंप बृहस्पतिवार शाम को वियतनाम के लिए रवाना होने से पहले एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे जबकि किम देश की यात्रा पूरी करने के बाद इस सप्ताहांत में रवाना होंगे। बता दें कि बुधवार को ट्रंप की किम जोंग उन से दूसरी मुलाकात वियतनाम में उसी जगह हुई जहां करीब 46 साल पहले 18 दिसंबर 1972 में अमेरिका के दो बी-52 लड़ाकू विमानों ने बम गिराए थे। इससे पहले ट्रंप और किम करीब 8 माह पहले 12 जून 2018 को सिंगापुर में पहली बार मिले थे।
उसके बाद से उत्तर कोरिया ने कोई मिसाइल या परमाणु परीक्षण नहीं किया है। इससे पहले किम जोंग हाइड्रोजन समेत 6 परमाणु परीक्षण कर चुके थे। उत्तर कोरिया के एकमात्र सहयोगी देश चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को कहा कि ट्रंप और किम के बीच होने वाली बातचीत परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। गौरतलब है कि इस मुलाकात में चीन की अहम भूमिका बताई जा रही है। किम गत जनवरी में चीनी राष्ट्रपति से चौथी बार मिले थे।