Edited By Tanuja,Updated: 20 Mar, 2019 04:13 PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ब्राजील को एक ‘‘बड़े गैर-नाटो सहयोगी’’ के रूप में नामित करना चाहते ...
लॉस एंजलिसः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ब्राजील को एक ‘‘बड़े गैर-नाटो सहयोगी’’ के रूप में नामित करना चाहते हैं। इस कदम का मकसद ब्राजील के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करना है जिसके साथ चीन ने हालिया वर्षों में संबंधों में काफी सुधार किया है। ट्रंप ने यहां यात्रा पर आए ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के साथ व्हाइट हाउस में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘हमारे बीच आज बैठक शानदार रही। जैसा कि मैंने राष्ट्रपति बोलसोनारो को भी बताया है, मैं ब्राजील को एक बड़ा गैर-नाटो सहयोगी नामित करना चाहता हूं और यदि संभव हुआ, तो शायद एक नाटो सहयोगी। हमें कई लोगों से बात करनी पड़ेगी लेकिन हो सकता है कि उसे नाटो सहयोगी बनाया जाए।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद, अंतर्राष्ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी से लोगों की रक्षा करने के लिए पहले ही मिलकर काम कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम और भी गहरी साझीदारी करना चाहते हैं और मिलकर काम करना चाहते हैं।’’बोलसोनारो को चुनाव से पहले अकसर ‘‘ट्रॉपिकल ट्रंप’’ कहा जाता था। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ उनकी बैठक ने ब्राजील और अमेरिका के बीच सहयोग का नया अध्याय आरंभ किया है। बोलसोनारो ने कहा, ‘‘यह कहना उचित होगा कि आज ब्राजील में अमेरिका-विरोधी राष्ट्रपति नहीं है, जो हालिया कुछ दशकों में वाकई अभूतपूर्व है।’’ उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने सीईओ मंच को बहाल करने का फैसला किया है। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में दोहराया कि अमेरिका और ब्राजील ‘‘वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति जुआन गुइदो’’ के साथ खड़े हैं।
अमेरिका और ब्राजील ने एक प्रौद्योगिकी सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा निकट भविष्य में मिलकर उपग्रह विकसित करने के लिए नासा और ब्राजील अंतरिक्ष एजेंसी के बीच भी एक समझौता हुआ।ब्राजील पांच देशों के ब्रिक्स समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) का सदस्य है और उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य बनने की कोशिश में भारत, जर्मनी, जापान के साथ हाथ मिलाया है। ऐसे में ट्रम्प के इस कदम का महत्व और बढ़ गया है।उल्लेखनीय है कि अमेरिका ब्रिक्स के दो सदस्यों रूस और चीन को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानता है तथा दूसरी तरफ, वह भारत और ब्राजील के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।