Edited By ,Updated: 02 Dec, 2016 04:28 PM
क्या अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वाकई में प्रशंसा की...
इस्लामाबाद/वाशिंगटन:क्या अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वाकई में प्रशंसा की? जहां शरीफ के कार्यालय ने ट्रंप के साथ उनकी बातचीत का करीब-करीब मूलपाठ जारी किया वहीं अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की टीम ने महज न्यूनतम सूचना जारी की।इससे मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया पर भ्रम पैदा हो गया है।
सीएनएन ने टिप्पणी की,''हम जानते हैं कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को फोन पर बातचीत की। मुद्दा यह है कि उस गुफ्तगू के दौरान दोनों तरफ से आखिर क्या बात हुई।'' इस नेटवर्क ने कहा, ''बातचीत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने ट्रंप का हवाला देते हुए बयान जारी किया,जो कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। इस बयान में कहा गया कि ट्रंप ने बातचीत के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की प्रशंसा की।''
दो विश्व नेताओं के बीच होने वाली बातचीत को आमतौर पर इस तरह से सावधानीपूर्वक लिखा जाता है ताकि नेताओं को आकस्मिक प्रतिक्रिया का सामना नहीं करना पड़े, जैसा ट्रंप की टीम ने किया। इसके अनुसार यह बयान एकदम सपाट और कूटनीतिक होते हैं, जिनमें बहुत सावधानी से शब्दों का चयन करके बातचीत का ब्यौरा लिखा जाता है। इस तरह की कॉल्स अपने आप में ही खासी औपचारिक होती हैं।
चार राष्ट्रपतियों के सलाहकार रह चुके सीएनएन के राजनीतिक प्रेक्षक डेविड जरगेन ने कहा, ''एक राष्ट्रपति उस तरह से विदेशी नेता पर फिदा नहीं होता, जैसे ट्रंप हुए।वह अपने आप तो ऐसा कुछ नहीं करेंगे।'' उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं और विश्व में सबसे मुश्किल रिश्ते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण रिश्ते हैं।'' जरगेन के अनुसार इस तरह की कॉल करने से पहले इस बात की पूरी संभावना है कि ट्रंप के प्रेस सलाहकार और सुरक्षा सलाहकार उनके आसपास हों।