Edited By Tanuja,Updated: 28 Oct, 2020 05:18 PM
अजरबैजान-आर्मेनिया युद्ध में तुर्की सरकार सीरिया, लीबिया के बाद अब पाकिस्तान के जिहादी समूहों को भेज रही है। आर्मेनिया और अजरबैजान तुर्की और पाकिस्तान...
इंटरनेशनल डेस्कः अजरबैजान-आर्मेनिया युद्ध में तुर्की सरकार सीरिया, लीबिया के बाद अब पाकिस्तान के जिहादी समूहों को भेज रही है। आर्मेनिया और अजरबैजान तुर्की और पाकिस्तान की कार्रवाइयों से प्रभावित नागोर्नो काराबाख क्षेत्र के नियंत्रण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक स्वीडिश शोध पत्रकार, तुर्की विशेषज्ञ और नॉर्डिक निगरानी अनुसंधान नेटवर्क के निदेशक अब्दुल्ला बोज़कुल ने कहा ने कहा कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष और कोकेशियान में धार्मिक युद्धों को प्रेरित करने में तुर्की और पाकिस्तान की भूमिका कोई नई बात नहीं है ।
ये दोनों देश पहले भी आर्मेनिया के खिलाफ अजरबैजान को उकसाते रहे हैं। अर्मेनियाई पूर्व विदेश मंत्रालय के अरस्तू कोस्टानियन ने कहा कि अर्मेनिया को जीतने के लिए एर्दोगन के पास एक शानदार योजना थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यूरोपीय संघ जैसी बड़ी शक्तियों ने तुर्की की नीतियों की आलोचना करने से परहेज किया। अज़रबैजान का समर्थन करके, तुर्की इस्लामी नेतृत्व पर जोर देना चाहता है।
पाकिस्तान का रवैया भी आर्मेनिया के प्रति शत्रुतापूर्ण है और इसे एक राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता है। परिणामस्वरू यह जिहादियों को भाड़े के सैनिकों की तरह आर्मेनिया से लड़ने के लिए निर्यात करता है। पाकिस्तान ने इन सीमापार आतंकवादी तकनीकों में महारत हासिल की है और दशकों से वैश्विक जिहाद को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन यह कभी भी किसी भी परिस्थिति में नहीं रुकता है।
बता दें अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी भीषण युद्ध ने हजारों लोगों की जिंदगी तबाह कर दी है। शहर के शहर खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। अजरबैजान जानबूझकर अर्मेनिया के रिहाइशी इलाकों को निशाना बना रहा है। तुर्की और पाकिस्तान युद्ध में अज़रबैजान का समर्थन कर रहे हैं, जिसके दम पर वो अर्मेनिया को बर्बाद करने में तुला है।