Edited By Tanuja,Updated: 09 Jul, 2020 03:58 PM
कोरोना वायरस का कनैक्शन चमगादड़ों के साथ माना जा रहा है। अमेरिका का आरोप है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से फैला है और ...
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस का कनैक्शन चमगादड़ों के साथ माना जा रहा है। अमेरिका का आरोप है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से फैला है और चमगादड़ इसका कारण हो सकते हैं। कोरोना के खौफ और इसके स्तोत्र की अटकलों के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर व वीडियो वायरल हो रही है जिसे देखकर लोग डरे हुए हैं इसकी सच्चाई को लेकर सवाल पूछ रहे हैंं। यह तस्वीर एक आदमकद चमगादड़ की है। इस तस्वीर में जो चमगादड़ दिखाई दे रहा है वह कोई आम चमगादड़ नहीं बल्कि 4 फुट के आस-पास का है। फिलीपींस की इस चमगादड़ की तस्वीर साल 2018 में रेडिट पर शेयर की गई थी।
इंसान के आकार की यह चमगादड़ एक इमारत के बाहर तार पर लटकी दिखाई दे रही है। पिछले महीने इस तस्वीर को यूजर ने ट्विटर पर दोबारा शेयर किया तो कोरोना वायरस के चलते यह खौफ का कारण बन गई एक पुराने पोस्ट के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए, उपयोगकर्ता ने 24 जून के ट्वीट में लिखा: "याद रखें जब मैंने फिलीपींस को मानव आकार के चमगादड़ होने के बारे में बताया था? हाँ, मैं इसी की बात कर रहा था। " पोस्ट को 103,000 से अधिक रीट्वीट, 260,000 से अधिक लाइक और हजारों कमेंट्स मिले हैं। ट्विटर के यूजर ने ट्विट किया है कि वो इसकी पुष्टि कर सकते हैं, इस चमगादड़ उनके पास एक विशाल पंख है लेकिन शरीर वास्तव में इतने बड़े नहीं हैं, कमोबेश उसी तरह के शरीर जैसे मध्यम (छोटे छोटे) आकार के कुत्ते के समान इनकी आकृति होती है।
एक अन्य ट्वीट में, उपयोगकर्ता ने कहा-"ये पेड़ों के चारों ओर छोटे-छोटे लटके होते हैं और कभी-कभी प्रांतों में कुछ घरों की छत की छालों के नीचे भी दिखाई दे जाते हैं। ये बड़े लोग लंबे पेड़ों के चारों ओर लटकते हैं (लेकिन हम शायद ही कभी उन्हें देखते हैं), कम से कम हमारे पास वाले पुराना घर, लेकिन पिछली बार मैंने एक व्यक्ति को लगभग पांच साल पहले देखा था। " इस चमगादड़ को एक विशाल सोने के ताज वाली उड़ने वाली लोमड़ी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एसरोडोन जूबैटस है। यह संसार की सबसे बड़ी चमगादड़ों में से एक मानी जाती है। ये मैगाबैट फैमिली की चमगादड़ें भारत, एशिया, अफ्रीका और ओशियाना क्षेत्र में पाई जाती हैं। फिलहाल इनका अस्तित्व खतरे में हैं क्योंकी शिकार की वजह से इनकी संख्या घटती जा रही है।