Edited By Tanuja,Updated: 06 Jun, 2020 09:23 AM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सभी चीनी एयरलाइनों को 16 जून से अमेरिका से आने और जाने में प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद भी चीन द्वारा...
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सभी चीनी एयरलाइनों को 16 जून से अमेरिका से आने और जाने में प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद भी चीन द्वारा अमेरिकी उड़ानों को ढील देने के बाद ट्रंप के तेवर भी नरम पड़ते दिख रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका चीनी विमानन कंपनियों को अमेरिका के लिए सीमित संख्या में उड़ानें संचालित करने की अनुमति देगा और उन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाएगा। बृहस्पतिवार को चीन ने देश में लगे प्रतिबंधों को कम करने और विदेशी विमानन कंपनियों द्वारा अधिक उड़ानों की अनुमति देने पर हामी भरी थी। चीन में लगे प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी कंपनियों यूनाइटेड और डेल्टा को दोनों देशों के बीच परिचालन से रोक दिया गया था।
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी तल्ख होते जा रहे हैं। इसी के चलते अमेरिका ने चीन से आने वाली उड़ानों पर 16 जून से पाबंदी लगाने का फैसला लिया है लेकिन चीन ने अमेरिकी उड़ानो को जारी रखने का फैसला किया है। चीन ने गुरुवार को बताया कि वह अमेरिका से आने वाली फ्लाइट्स को रोकने के बजाय इकी संख्या को कम करेगा। चीन ने गुरुवार को कहा कि वह महामारी के डर से फिलहाल देश में रोकी गई विदेशी एयरलाइनों को सीमित उड़ानों की अनुमति देगा, जिससे अमेरिकी कंपनियों पर लगा प्रतिबंध भी हट जाएगा।
चीन के सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAAC)द्वारा यह कदम वाशिंगटन द्वारा सभी चीनी एयरलाइनों को 16 जून से अमेरिका से आने और जाने में प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद जवाब में उठाया। बताते चले कि बीजिंग द्वारा अमेरिकी विमानों को चीन की सेवा फिर से शुरू करने की अनुमति देने में विफल रहने के बाद अमेरिका ने मंगलवार को चीनी एयरलाइंस द्वारा सभी उड़ानों को स्थगित करने और देश से बाहर जाने का आदेश दिया था। अमेरिकी परिवहन विभाग ने एक बयान में कहा था कि यूएस कैरियर्स ने पहली जून से यात्री सेवा फिर से शुरू करने को कहा है। उनके अनुरोधों को मंजूरी देने में चीनी सरकार की विफलता हमारे वायु परिवहन समझौते का उल्लंघन है।