Edited By Pardeep,Updated: 22 Aug, 2018 12:34 AM
ब्रिटेन की एक अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी पाकिस्तानी नागरिक जबीर मोती को जमानत देने से मंगलवार को मना कर दिया। अदालत ने सुनवाई से मीडिया को दूर रखने के उसके अनुरोध को भी खारिज कर दिया। मोती को धनशोधन के आरोपों में गिरफ्तार...
लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी पाकिस्तानी नागरिक जबीर मोती को जमानत देने से मंगलवार को मना कर दिया। अदालत ने सुनवाई से मीडिया को दूर रखने के उसके अनुरोध को भी खारिज कर दिया। मोती को धनशोधन के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार की सुनवाई के दौरान मोती को डी-कंपनी का मुख्य गुर्गा करार दिया। न्यायाधीश कोलमेन ने मोती को जमानत देने से इंकार कर दिया और उसे 28 अगस्त को फिर से पेश होने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान मोती के वकील ने भारतीय मीडिया में आ रही खबरों के कारण सुरक्षा चिंताओं पर अदालत में मीडिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया। न्यायाधीश ने अनुरोध को ठुकरा दिया। न्यायाधीश ने कहा कि हमारे पास इस देश में न्याय का खुला तंत्र है। उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार किया जा सकता है कि खुली अदालत में उसके ब्रिटेन का पता प्रसारित नहीं किया जाए।
अमेरिका में धनशोधन, ब्लैकमेल करने की साजिश रचने, मादक द्रव्यों के आयात के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड की प्रत्यर्पण इकाई ने मोती को गिरफ्तार किया था। उसकी तरफ से वकील टोबी कैडमेन ने पैरवी की। उन्होंने वारंट में लगाए गए आरोपों के संबंध में कुछ मुद्दे उठाए। जबीर को दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ समझा जाता है जो ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और दुनिया के अन्य हिस्सों में उसके निवेश से जुड़े मामलों को देखता था।