Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Mar, 2018 11:10 AM
ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय( एफसीओ) के वरिष्ठ नौकरशाहों ने न्यायाधिकरण की बंद कमरे में आज हुई सुनवाई में1984 के ब्लूस्टार आपरेशन से जुड़ी कैबिनेट की कुछ फाइलों को30 वर्ष से अधिक समय बाद भी सार्वजनिक नहीं करने के कारण समझाए।
लंदनः ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय( एफसीओ) के वरिष्ठ नौकरशाहों ने न्यायाधिकरण की बंद कमरे में आज हुई सुनवाई में1984 के ब्लूस्टार आपरेशन से जुड़ी कैबिनेट की कुछ फाइलों को30 वर्ष से अधिक समय बाद भी सार्वजनिक नहीं करने के कारण समझाए।
‘फस्र्ट टायर ट्रिब्यूनल’ की तीन दिवसीय सुनवायी यहां शुरू हुई जिसमें से सत्र का बड़ा हिस्सा बंद दरवाजे के पीछे हुआ। एफ.सी.ओ. के अधिकारियों ने इस बारे में अपना रूख स्पष्ट किया कि फाइलों को सार्वजनिक करने से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए खतरा उत्पन्न होगा।
ब्रिटेन में काम करने वाले स्वतंत्र पत्रकार फिल मिलर की ओर से सूचना की स्वतंत्रता अपील दायर करने वाली मानवाधिकार विधिक कंपनी केआरडब्ल्यू लॉ के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ यह बहुत ही असामान्य है कि हमें अपनी ही अपील का हिस्सा होने की इजाजत नहीं दी गई। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमारी यह समझ है कि भारत की भाजपा सरकार को इन फाइलों को सार्वजनिक करने पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बावजूद ब्रिटिश सरकार इन्हें गोपनीय रखने के पक्ष में तर्क दे रही है जबकि इसमें काफी लोकहित है।