17 घंटे की फ्लाइट में यात्री की हरकत से सहयात्री दंग, वैज्ञानिक भी हैरान

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2018 11:33 AM

uk passenger didn t get up from his seat for 17 hour flight

लंदन से अास्ट्रेलिया के पर्थ तक 17 घंटे की लंबी फ्लाइट में एक यात्री ने पूरे सफर  दौरान अपनी सीट से न उठकर वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। यह पहली सीधी, नॉनस्टॉप फ्लाइट मार्च में लांच की गई थी, जिसके  इतने लंबे सफर में यात्रियों के भी धैर्य की...

लंदनः लंदन से अास्ट्रेलिया के पर्थ तक 17 घंटे की लंबी फ्लाइट में एक यात्री ने पूरे सफर  दौरान अपनी सीट से न उठकर वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। यह पहली सीधी, नॉनस्टॉप फ्लाइट मार्च में लांच की गई थी, जिसके  इतने लंबे सफर में यात्रियों के भी धैर्य की परीक्षा होती है क्योंकि उनके पास उठकर टहलने के लिए ज्यादा स्कोप नहीं होता है।कुछ यात्रियों को इसकी वजह से काफी परेशानी होती है। सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जब से लंबे समय की उड़ान देने वाली क्वांटस सेवा में सफर करने वाले स्वयंसेवकों के व्यवहार को देख रहे हैं। मगर, इस अज्ञात यात्री के व्यवहार के बारे में जानकर तो वे आश्चर्यचकित थे।

यूनिवर्सिटी की एक डिवीजन चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के प्रोफैसर स्टीफन सिम्पसन ने कहा कि यह एक ऐसी चीज थी, जिस पर हम विश्वास नहीं कर सके। वह अपनी सीट से नहीं उठा। वह आदमी बिजनेस क्लास में था और कथित तौर पर कहा था कि वह फ्लैट बिस्तर में इतना आरामदायक महसूस कर रहा था कि उसे हिलने की भी जरूरत नहीं समझी। हां, यह संदिग्ध रूप से क्वांटस के मार्केटिंग विभाग की धोखाधड़ी की तरह लगता है, लेकिन हमें आश्वासन दिया गया है कि ऐसा नहीं है।  हेल्थलाइन के मुताबिक, मनुष्य दिन में चार से दस बार बाथरूम जाते हैं। 24 घंटों की अवधि में औसतन एक व्यक्ति छह से सात बार तो बाथरूम जाता ही है। फिर वह क्यों नहीं उठा।

एक उड़ान के दौरान लंबे समय तक एक ही अवस्था में बैठे रहने से डीप वेन थ्रोम्बिसिस (डीवीटी) होने का खतरा रहता है। यह तब होता है, जब रक्त निचले पैर की गहरी नसों के भीतर थक्का बना लेता है। जब ये खून के थक्के रक्त प्रवाह में मिल जाते हैं और फेफड़ों के माध्यम से होते हुए रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं, तो अचानक मौत हो सकती है। ऐसा न्यूजीलैंड रग्बी खिलाड़ी जोना लोमू के मामले में होने का संदेह है। साल 2015 में यूके से ऑकलैंड तक लंबी दूरी की उड़ान भरने के बाद खून के थक्के की वजह से 40 वर्ष की उम्र में ही उनकी मौत हो गई थी।

फ्लीट स्ट्रीट क्लिनिक में ट्रेवल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ रिचर्ड दाऊद सलाह देते हैं कि चलते-फिरते रहने से रक्त बहता है और थक्के बनने से रोकता है। इसलिए अपने पैरों की मांसपेशियों को अक्सर खिंचाव और आराम की स्थिति में लाते रहना चाहिए। काम के दौरान हर घंटे में कम से कम एक बार जरूर उठना चाहिए और थोड़ा टहलना चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचना चाहिए। यदि आप ज्यादा काम में बिजी रहते हैं, तो अलार्म सेट करें ताकि वह आपको याद दिलाए कि अब आपको उठना है। इसके साथ ही नींद की गोलियां लेने से बचना चाहिए, जब तक कि उनकी बहुत ज्यादा जरूरत न हो। इसके अलावा हर व्यक्ति को रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करने की सलाह विशेषज्ञ देते हैं। इससे शरीर के हर अंग का मूवमेंट होता है और बीमारी से बचने के लिए शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
 

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