Edited By Pardeep,Updated: 28 May, 2022 10:54 PM
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने शनिवार को कहा कि उन्होंने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य मुस्लिम बहुल समूहों के लिए लागू किए गए आतंकवाद तथा कट्टरपंथ रोधी कदमों के प्रभाव के बारे में चीनी अधिकारियों...
बीजिंगः संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने शनिवार को कहा कि उन्होंने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य मुस्लिम बहुल समूहों के लिए लागू किए गए आतंकवाद तथा कट्टरपंथ रोधी कदमों के प्रभाव के बारे में चीनी अधिकारियों के समक्ष चिंता जताई है।
चीन के छह दिवसीय दौरे के तहत शिनजियांग के दौरे पर बाचेलेट ने कहा कि यह यात्रा किसी जांच के लिए नहीं थी बल्कि वरिष्ठ चीनी नेताओं के समक्ष चिंताओं को उठाने का अवसर था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत दायित्वों को पूरा करने में चीन का समर्थन करने तथा अधिक नियमित संवाद का मार्ग प्रशस्त करने का भी यह अवसर था।
दौरे के अंतिम दिन उन्होंने वीडियो के जरिए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस यात्रा ने मुझे चीन की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्रदान किया। इसने चीन के अधिकारियों को हमारी चिंताओं को बेहतर ढंग से समझाने और संभावित रूप से उन नीतियों पर पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान किया जिसके बारे में हमें लगता है कि मानवाधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।''
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधी सभी खबरों को खारिज करती रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करेगी। मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त के तौर पर 17 साल में चीन का पहली बार दौरा करने वालीं बाचेलेट ने कहा कि उन्होंने नजरबंदी शिविरों की प्रणाली पर गौर करने के लिए स्वतंत्र न्यायिक निरीक्षण की कमी का उल्लेख किया।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन नजरबंदी शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को रखा गया। चीन का कहना है कि वह कट्टरता रोकने के लिए इन शिविरों में रहने वाले लोगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देता है। सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कभी यह नहीं कहा है कि इन शिविरों में अब तक कितने लोग रह चुके हैं।