Edited By shukdev,Updated: 01 Sep, 2019 05:12 PM
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने भारत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से लगभग 20 लाख लोगों को बाहर किए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विहीन न हो। शरणार्थियों के लिए संयुक्त...
बर्लिन: संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने भारत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से लगभग 20 लाख लोगों को बाहर किए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विहीन न हो। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रेंडी ने जिनेवा में रविवार को बयान जारी कर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि,‘कोई भी प्रक्रिया जिसमें बड़ी संख्या में लोग बिना किसी राष्ट्र की नागरिकता के छूट जाते है तो वह देशविहीनता को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा।'
उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। असम सरकार ने शनिवार को दावा किया था कि कई वास्तविक भारतीय एनआरसी की अंतिम सूची से छूट गए हैं लेकिन उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है।