Edited By Tanuja,Updated: 13 May, 2021 11:52 AM
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को उइगर और अन्य तुर्क मुस्लिमों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपने अपराधों ...
लॉस एंजलिस: एक प्रमुख गैर सरकारी मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को उइगर और अन्य तुर्क मुस्लिमों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपने अपराधों को समाप्त करने के लिए चीनी सरकार पर दबाव डालने के लिए कहा। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों को चाहिए कि वे झिंजियांग के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में या उसके बिना बड़े पैमाने पर नजरबंदी, सांस्कृतिक उत्पीड़न और अन्य गंभीर दुर्व्यवहारों की जांच करें।
ह्यूमन राइट्स वॉच के कार्यकारी निदेशक केनेथ रोथ ने आरोप लगाया कि बीजिंग ने सालों से संयुक्त राष्ट्र को शिनजियांग में अत्याचारों के बारे में चुप्पी साधने को मजबूर किया। रोथ ने कहा कि अब दुनिया भर की सरकारें मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए चीनी सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए तेजी से आवाज उठा रही हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र को भी उसी राह पर चलते हुए चीन के किलाफ आवाज उठानी चाहिए और शिनजियांग में अधिकारों के हनन की स्थिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।"
बता दें कि इससे पहले भी रोथ ने अपनी 652 पन्नों की रिपोर्ट में चीनका कच्चा चिट्ठा पेश किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि चीन अपनी आर्थिक और कूटनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल वैश्विक मानवाधिकार संस्थाओं को खोखला करने के लिए कर रहा है। ह्यूमन राइट्स् वॉच ने इस बारे में न्यूयॉर्क में अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की थी।
रिपोर्ट में चीन सरकार पर आरोप लगाया था कि चीन शिजियांग में सर्वाधिक व्यापक और बर्बर दमन की नीतियांअपना रहा जिसके खिलाफ दुनिया को आवाज उठानी चाहिए । संगठन ने रिपोर्ट में शिनजियांग प्रांत के भयावह निगरानी तंत्र का भी जिक्र किया। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि जवाबदेही से बचने के लिए चीन मानवाधिकार की रक्षा के उद्देश्य से 20वीं सदी में बनी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को कमजोर करने के प्रयास कर रहा है। रोथ ने 652 पन्नों की रिपोर्ट में कहा, ‘‘ चीन लंबे समय से घरेलू आलोचकों का दमन करता आ रहा है। अब चीन की सरकार इस सेंसरशिप को पूरी दुनिया में लागू करना चाहती है।’’