Edited By Tanuja,Updated: 07 May, 2022 12:16 PM
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 24 फरवरी को रूस का विशेष सैन्य अभियान शुरू होने के बाद यूक्रेन पर अपना पहला बयान सर्वसम्मति...
इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 24 फरवरी को रूस का विशेष सैन्य अभियान शुरू होने के बाद यूक्रेन पर अपना पहला बयान सर्वसम्मति से स्वीकृत किया है, जिसमें 10 हफ्तों से जारी इस ‘‘संघर्ष'' को लेकर शांतिपूर्ण समाधान खोजने के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रयासों के प्रति ‘‘दृढ़ समर्थन'' जताया गया है। UNSC की शुक्रवार को हुई बैठक में स्वीकृत अध्यक्ष के संक्षिप्त बयान में ‘‘युद्ध'', ‘संघर्ष'' या ‘‘हमले'' शब्द का जिक्र नहीं है। दरअसल, परिषद के कई सदस्य इसे रूस की सैन्य कार्रवाई या ‘‘विशेष सैन्य अभियान'' कहते हैं। रूस भी इसका उल्लेख इसी संदर्भ में करता है।
रूस शक्तिशाली UNSC में वीटो का अधिकार रखता है और उसने अध्यक्ष के बयान को अपनाने के पिछले सभी प्रयासों को बाधित किया है, जिसके लिए सर्वसम्मति या प्रस्ताव की आवश्यकता होती है। इसकी जगह बयान में ‘‘यूक्रेन में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई गई है और याद दिलाया गया है कि सभी सदस्य राष्ट्रों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से निपटाने का दायित्व लिया है।'' बयान में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा परिषद एक शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में महासचिव के प्रयासों के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त करती है। वह गुतारेस से उचित समय में सदस्यों को इससे अवगत कराने का अनुरोध करती है।''
मॉस्को और कीव की हाल की यात्राओं के दौरान गुतारेस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए एक समझौता किया था। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने अब तक मारियुपोल और आसपास के क्षेत्रों में दो सफल निकासी अभियान चलाया है। वे वर्तमान में मारियुपोल के इस्पात संयंत्र से तीसरे निकासी अभियान को अंजाम दे रहे हैं।
परिषद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गुतारेस ने कहा, ‘‘आज, पहली बार सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन में शांति के लिए एक स्वर में बात की। जैसा कि मैंने अक्सर कहा है, दुनिया को हथियार छोड़कर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल्यों को बनाए रखने के लिए एक साथ आना चाहिए।'' संयुक्त राष्ट्र में नॉर्वे की राजदूत मोना जुउल और मैक्सिको के राजदूत जुआन रेमन डी ला फुएंते रामिरेज (जिनके देशों ने परिषद के बयान का मसौदा तैयार किया है) ने इसे युद्ध को समाप्त करने के राजनयिक प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।