ट्रंप के चीन को नए झटकेः ताइवान को हथियारों की बिक्री की मंजूरी, 14 वरिष्ठ चीनी अधिकारी बैन

Edited By Tanuja,Updated: 08 Dec, 2020 10:42 AM

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चीन की सख्त चेतवनियों के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान को हथियारों की एक नई बिक्री की मंजूरी दे दी है। ...

वाशिंगटन:  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जाते-जाते भी चीन को झटके देने का सिलसिला जारी है। चीन की सख्त चेतवनियों के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने जहां ताइवान को हथियारों की एक नई बिक्री की मंजूरी दे दी है वहीं कई कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने के बाद अब अमेरिका ने चीन के कुछ अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कारर्वाई की है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने ताइवान को 28 करोड़ डॉलर के उन्नत सैन्य संचार उपकरणों की बिक्री की मंजूरी दे दी है जिससे चीन की टेंशन बढ़ गई है।

 

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने ‘‘प्राप्तकर्ता (ताइवान) की सुरक्षा को बेहतर बनाने और क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन, अर्थव्यवस्था और प्रगति को बनाए रखने में मदद करने'' और ‘‘ताइवान के मिशनों तथा परिचालन जरूरतों के लिहाज से उसकी सैन्य संचार क्षमता को आधुनिक बनाने के लिए'' संचार उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी ताइवान के रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में उठाए गए कई कदमों में से एक है। उसका यह कदम चीन के लिए एक और झटका है।  

 

इससे पहले चीन ने संकल्प लिया था  कि अगर अमेरिका ताइवान को हथियार बेचने की योजना पर आगे बढ़ता है तो वह उचित और जरूरी जवाब देगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि ताइवान को 60 करोड़ डॉलर मूल्य के सैन्य ड्रोन की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है और चीन की संप्रभुता व सुरक्षा हितों की गंभीर अनदेखी है।

 

वांग ने कहा था कि अमेरिका को ताइवान के साथ हुए ऐसे सभी बिक्री (हथियारों) करारों को रद्द कर देना चाहिए ताकि चीन-अमेरिका के रिश्तों को और एवं ताइवान की शांति व स्थिरता को और नुकसान से बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि चीन, ताइवान पर अपना दावा करता है। वांग ने कहा कि उत्पन्न होने वाली परिस्थिति के अनुरूप उचित और जरूरी जवाब दिया जाएगा।  

 

चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया
हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने से संबंधित मामले में अमेरिका ने सोमवार को चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें एक तिब्बती भी शामिल है। प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसीएससी) द्वारा हांगकांग के लोगों की अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने की क्षमता को प्रभावित किया गया। प्रतिबंधों में वीजा पर रोक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एनपीसीएससी के 14 उपाध्यक्षों को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है।

इससे पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमेरिका ने चीन के सबसे बड़े प्रोसेसर चिप निर्माता कंपनी एसएमआईसी और तेल की दिग्गज कंपनी सीएनओओसी समेत 4 चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। इस बात की जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने दी थी। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अमेरिका में चल रहीं ये वे चीनी कंपनियां हैं, जिनका संचालन चीनी सेना प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कर रही है या फिर ये उनके नियंत्रण में हैं।
 

 

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