Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 10:32 AM
पिछले साल हुए अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब अमरीका ने इस दखल पर अपनी मोहर लगा दी । अमरीका के विशेष सलाहकार रॉबर्ट मुलर ने इस मामले में रुस के 13 नागरिकों व 3 कंपनियों के खिलाफ
वॉशिंगटनः पिछले साल हुए अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब अमरीका ने इस दखल पर अपनी मोहर लगा दी । अमरीका के विशेष सलाहकार रॉबर्ट मुलर ने इस मामले में रुस के 13 नागरिकों व 3 कंपनियों के खिलाफ आरोप तय कर इनके नामों की घोषणा की है। उन्होंने कहा, 'अभियुक्त अपने कार्यों के माध्यम से उम्मीदवारों और आम तौर पर राजनीतिक व्यवस्था के प्रति अविश्वास फैलाना चाहते थे।'
अभियोग के अनुसार, रूस ने चुनाव अभियान के दौरान कई फेसबुक, ट्विटर, यू- ट्यूब व इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर अकाउंट्स बनाए और इनपर डाले गए पोस्ट काफी संख्या में अमरीकी नागरिकों तक पहुंच रहे थे। अपनी गतिविधियों के रूसी मूल को छिपाने के लिए रूस ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क स्थापित करने के लिए कथित रूप से यूएस के भीतर स्थित कंप्यूटर सर्वर पर स्पेस खरीदा था। उन्होंने अवांछित अमरीकियों के साथ संवाद करने के लिए सोशल मीडिया पेजों और समूहों की स्थापना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापन भी खरीदे और चोरी या फर्जी अमरीकी पहचान से धोखाधड़ी वाले बैंक खाते और गलत पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
हालांकि डिप्टी अटॉर्नी जनरल रॉड रोसनस्टाइन ने बताया कि किसी अमरीकी नागरिक पर गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप नहीं था और न ही रूस की इन कोशिशों से चुनाव के नतीजों पर कोई प्रभाव पड़ा है। रोसनस्टाइन ने कहा, अभियोग का आरोप है कि रूसी षड्यंत्रकारी संयुक्त राज्य में कलह को बढ़ावा देने और लोकतंत्र में जनता के विश्वास को कमजोर करना चाहते थे। हमें उन्हें सफल होने देना नहीं चाहिए।' आरोपों के अनुसार, व्यक्तिगत बचाव पक्षों में से 12 ने सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित रूसी कंपनी इंटरनेट रिसर्च एजैंसी (आईआरए) के लिए कई बार काम किया।