चीन की डिजिटल दादागिरीः तियानमेन नरसंहार पर वर्चुअल बैठकें कराईं रद्द , US ने करवाया मामला दर्ज

Edited By Tanuja,Updated: 21 Dec, 2020 03:06 PM

us charges chinese executive for sabotaging video conferences on tiananmen

विस्तारवादी सोच व नीतियो के चलते  दुनिया के कई देशों की जमीन पर अवैध कब्जा जमा चुका चीन अब  डिजिटल  धौंस  पर उतर आया है।  चीन की शी

बीजिंगः विस्तारवादी सोच व नीतियो के चलते  दुनिया के कई देशों की जमीन पर अवैध कब्जा जमा चुका चीन अब  डिजिटल  धौंस  पर उतर आया है।  चीन की शी जिनपिंग सरकार ने अब  तियानमेन चौक नरसंहार की यादें  कुचलने के लिए डिजिटल दादागिरी दिखाई और अमेरिका से जूम पर आयोजित होने वाली वर्चुअल बैठकों को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रद्द करवा दिया। इस मामले में अमेरिकी संघीय अदालत में जूम के एक अधिकारी शिंजियांग जिन (Xinjiang Jin) के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है।

 

इस मुकदमे से पुष्टि हो रही है कि चीन विश्व भर में डाटा के उपयोग पर निगरानी भी रख रहा है। FBI  के निदेशक क्रिस्टोफर व्रे ने कहा कि चीन सरकार अपना एजेंडा विश्व पर थोपने के लिए अपनी कंपनियों को इस्तेमाल कर रही है। जूम कंपनी ने कहा कि उसने शिंजियांग को निकाल दिया है। संबंधित कर्मचारियों को जांच होने तक छुट्टी पर भेजा गया है। शिंजियांग चीन में आजाद है, यहां की सरकार और अमेरिका में वैसे भी कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है।  अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि 39 वर्षीय शिनजियांग जिन को जनवरी 2019 से अपनी कंपनी के सिस्टम को सेंसर करने के लिए साजिश रचने का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है।

 

अधिकारी पर आरोप है कि न्यूयॉर्क के कुछ लोगों के आधिकारिक अकाउंट सिर्फ इसलिए प्रतिबंधित कर दिए गए क्योंकि वे तियानमेन चौक नरसंहार के याद में वर्चुअल बैठकें आयोजित कर रहे थे।  आरोप है उन्होंने ऐसा चीन की सरकार के कहने पर किया। हालांकि चीन से ही काम कर रहे शिंजियांग ने इन बैठकों को रद्द करवाने के बहाने अलग-अलग बताए। उदाहरण के लिए शिंजियांग ने पहले फर्जी नाम और आतंकियों व बच्चों की पोर्नोग्राफी वाली तस्वीरें प्रोफाइल में प्रयुक्त कर चार जून को हुई इन बैठकों में हिस्सा लिया। इसके बाद बैठक को कंपनी के नियमों का उल्लंघन बताकर रद्द करवा दिया। ऐसी कम से कम चार बैठकें रद्द किए जाने की जानकारी  है।

 

क्या है तियानमेन नरसंहार
चीन में साल 1989 में लोकतंत्र के समर्थन में बीजिंग के तियानतेन चौक पर करीब तीन हजार छात्रों को कम्युनिस्ट चीनी सरकार ने टैंकों तले कुचलकर आंदोलन का दमन किया था। कुछ संगठन यह आंकड़ा पांच से दस हजार बताते हैं।  सरकार ने आंदोलन रोकने को तीन लाख सैनिक लगाए गए थे। घटना की सभी जानकारियां, तस्वीरें आदि चीनी सरकार पिछले तीन दशक से सेंसर कर रही है। जूम बैठकों पर प्रतिबंध को इसी कड़ी में देखा जा रहा है। 

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