Edited By vasudha,Updated: 29 Nov, 2019 09:59 AM
हांगकांग को लेकर अमरीका और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग के चीन विरोधी लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में पास किए गए बिल पर अपनी मोहर लगा दी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से चीन भड़क गया है और...
इंटरनेशनल डेस्क: हांगकांग को लेकर अमरीका और चीन के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग के चीन विरोधी लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में पास किए गए बिल पर अपनी मोहर लगा दी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से चीन भड़क गया है और उसने अमरीका के खिलाफ बड़े कदम उठाने की धमकी दी है। चीन ने अमरीका को धमकी देते हुए कहा कि अब हम इसके खिलाफ कदम उठाएंगे। पेइचिंग की ओर से कहा गया कि यह घिनौना कदम है और अमरीका के भयावह इरादे को बताता है। पेइचिंग की आपत्तियों के बावजूद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले कानून पर हस्तक्षार कर दिए। ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद अब हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम 2019 बिल कानून बन गया है। यह कानून मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है।
राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप ने कहा कि मैंने इस विधेयक पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और हांगकांग के लोगों के सम्मान के लिए हस्ताक्षर किए हैं। कानून को इस उम्मीद से बनाया जा रहा है कि चीन अपने अडिय़ल रुख का त्याग करेगा और हांगकांग के नेता और प्रतिनिधियों से सौहार्दपूर्ण ढंग से अपने मतभेदों को सुलझा सकेंगे। इसके साथ ही अमरीकी कांग्रेस ने एक दूसरा विधेयक भी पारित किया है, जिस पर ट्रंप ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट आदि को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
चीन ने इसे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया
इस बिल पर ट्रंप के हस्ताक्षर के पूर्व चीन ने कई बार इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। चीन ने अमरीकी राजदूत को तलब कर सीनेट से पारित हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल को रद्द करने की मांग की थी। उसने चेतावनी भी दी थी कि अगर अमरीका ने ऐसा नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
क्यों बनाया कानून, क्या होगा असर
हांगकांग में गत 6 महीने पूर्व शांतिपूर्ण सामूहिक मार्च के रूप में जो आंदोलन शुरू हुआ, वर्तमान में वह शहर के सबसे बड़े राजनीतिक संकट में बदल गया है। सरकार और चीन की नीतियों को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। वैश्विक वित्तीय केंद्र होने के नाते हांगकांग में जारी अस्थिरता का असर पूरी दुनिया के व्यापार पर पडऩा शुरू हो गया है। कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां और ब्रांड हांगकांग से बाहर निकलने और अपनी शाखाओं को कहीं और स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं। निवेश कमजोर होने लगा है। खुदरा व्यापार व पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है। लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं, और छोटे व्यवसायों को बंद करने को मजबूर हैं। हांगकांग को लेकर अमरीकी चिंता जायज है क्योंकि यह एक वैश्विक वित्तीय केंद्र है, इसलिए इसकी अर्थव्यवस्था पर जरा-सी भी चोट दुनिया भर में व्यापार को प्रभावित करती है। यह बिल ट्रंप प्रशासन को इस बात का आकलन करने की शक्तियां प्रदान करता है कि क्या हांगकांग में राजनीतिक अशांति के कारण उसे अमरीकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे में बदलाव लाना उचित है या नहीं। इस आधार पर अमरीका संबंधित देश पर आॢथक प्रतिबंध लगा सकता है।