Edited By Tanuja,Updated: 12 Jun, 2018 06:12 PM
मरीका ने चीन की नाराजगी की परवाह किए बिना ताइवान में मंगलवार को अपना दूतावास कहे जाने वाले अमरीकन इंस्टीट्यूट ऑफ ताइवान (एआइटी) की नई इमारत का उद्घाटन किया।
ताइपेः अमरीका ने चीन की नाराजगी की परवाह किए बिना ताइवान में मंगलवार को अपना दूतावास कहे जाने वाले अमरीकन इंस्टीट्यूट ऑफ ताइवान (एआइटी) की नई इमारत का उद्घाटन किया। एआईटी को अमरीकी दूतावास की तरह ही देखा जाता है। नई इमारत को बनाने में करीब साढ़े पच्चीस करोड़ डॉलर (करीब 1718 करोड़ रुपए) की लागत आई है।
शिक्षा और सांस्कृतिक मामलों से जुड़ी अमरीकी उप विदेश मंत्री मैरी रॉयस ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ इस समारोह में शिरकत की। मैरी ने कहा,"एआईटी दोनों देशों के मजबूत होते संबंधों को दर्शाता है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नई इमारत आने वाले वर्षों में हमारे सहयोग को और बढ़ाएगी।" इस साल मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यात्रा नीति में बदलाव करते हुए अपने अधिकारियों को द्वीपीय देश ताइवान जाने की अनुमति दी थी। चीन ने धमकी देते हुए अमेरिका से अपनी गलती सुधारने की मांग की थी।
गौरतलब है कि 1979 में अमरीका ने चीन को मान्यता देते हुए ताइवान से अपने औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। इसके बावजूद अमरीका ताइवान का मजबूत साझीदार बना रहा। चीन की नाराजगी से बचने के लिए अमरीका एआइटी के माध्यम से ही ताइवान की मदद करता है। ताइवान को चीन अपना हिस्सा बताता है। किसी शीर्ष अमरीकी अधिकारी का ताइवान पहुंचना चीन को नागवार लग सकता है।