Edited By Ashish panwar,Updated: 15 Jan, 2020 10:57 PM
यूरोपीय देशों ने अपनी नीति से पलटते हुए ईरान पर के परमाणु समझौता तौड़ने का आरोप लगा दिया है। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। यूरोपीय देशों ने कहा कि ईरान समझौते से पीछे हटते हुए फिर से अपना...
इंटरनेशनल डेस्कः यूरोपीय देशों ने अपनी नीति से पलटते हुए ईरान पर के परमाणु समझौता तौड़ने का आरोप लगा दिया है। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। यूरोपीय देशों ने कहा कि ईरान समझौते से पीछे हटते हुए फिर से अपना परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ाने में जुट गया है। इससे उसके ऊपर फिर से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लागू होने के आसार बन गए हैं। 2015 में परमाणु समझौता होने पर ये प्रतिबंध हट गए थे। समझौते में इन तीनों देशों के अलावा अमेरिका, रूस और चीन भी शामिल थे।
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन परमाणु समझौता बनाए रखना चाहते है
तीनों यूरोपीय देशों ने कहा है कि वे अभी भी परमाणु समझौता बनाए रखने के पक्षधर हैं। वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की रणनीति में शामिल नहीं होना चाहते। परमाणु समझौता त्रुटिपूर्ण बताते हुए 2018 में उससे अलग हो गए थे। उन्होंने ईरान पर गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अधिकतम दबाव बनाने की बात कही थी। इसी के साथ अमेरिका ने ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। अब शक्तिशाली यूरोपीय देशों ने ईरान पर यही आरोप लगाया है।ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाब जरीफ ने अपने देश पर लगाए जा रहे आरोपों को आधारहीन बताया है। कहा है कि राजनीतिक कारणों से रणनीतिक गलती की जा रही है।
अमेरिका के समझौते से पीछे हटने के बाद, ईरान ने भी तोड़ा समझौता
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के समझौते से पीछे हटने और प्रतिबंध लागू करने के बाद ईरान ने भी अब समझौता तोड़ दिया है। वह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। तीनों देशों की प्रतिक्रिया पर ईरान ने कहा है कि वह किसी भी सकारात्मक पहल का स्वागत करेगा और उसमें सहयोग देगा। जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवारोव ने कहा है कि अमेरिका के हटने के बाद समझौते को क्रियात्मक रूप से लागू कर पाना मुश्किल होगा।