Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 06:39 PM
अमरीकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने अफगानिस्तान में भारत के साथ सहयोग बढ़ाए जाने की मांग की है। इसमें नई दिल्ली के अफगान सुरक्षा बलों की मदद करने की बात भी शामिल...
वाशिंगटन: अमरीकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने अफगानिस्तान में भारत के साथ सहयोग बढ़ाए जाने की मांग की है। इसमें नई दिल्ली के अफगान सुरक्षा बलों की मदद करने की बात भी शामिल है जिससे पाकिस्तान परेशान हो सकता है।
सांसदों ने सीनेट में राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून(एनडीएए) 2018 में एक विधायी संशोधन का प्रस्ताव पेश कर उसका समर्थन करने की मांग की। भारत युद्धग्रस्त देश में विकास संबंधी सहायता प्रदान करने वाले बड़े प्रदाताओं में से एक है।
संशोधन से पाकिस्तान परेशान हो सकता क्योंकि वह पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भारत के किसी भी तरह के दखल का विरोध करता है।संशोधन में अफगान सुरक्षा बलों को साजो सामान,खतरे संबंधी आकलन,सामग्री और रखरखाव संबंधी सहायता देने में भारत की भूमिका बढ़ाने की मांग की गई है। सीनेटर मार्क वार्नर, डैन सुलिवान और जॉन कॉर्निन ने गुरुवार को यह संशोधन पेश किया था। वे सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष भी हैं।
संशोधन में कहा गया, अफगानिस्तान में मानवीय एवं आपदा राहत सहायता मुहैया कराने में भारत की भूमिका में सुधार किए जाए, जिसमें भारत का अफगानिस्तान में साजो सामान मुहैया करवाना, भारत-अफगानिस्तान के बीच संयुक्त प्रशिक्षण, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान के लिए अफगानिस्तान तथा भारत द्वारा संयुक्त सैन्य योजना का निर्माण करना शामिल है। अगर यह संशोधन कांग्रेस से पारित हो गया और कानून में बदल गया तो रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री को एनडीएए पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद 6 महीने के भीतर कांग्रेस को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी।सीनेट में अभी तक एनडीएए-2018 पर मतदान नहीं हुआ है।