‘ईरान के खिलाफ अमरीका को अफगानिस्तानी सरजमीं के उपयोग की इजाजत नहीं ’

Edited By shukdev,Updated: 13 Jan, 2019 12:16 AM

us not allowed to use afghanistan territory against iran

अफगानिस्तान के कहा है कि अमरीका को इर्रान के खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधियों को संचालित करने के लिए देश की सरजमीं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। तुर्की में अफगानिस्तानी राजदूत अब्दुल रहीम सईद जेन ने कहा, ‘अफगानिस्तान सरकार के लिए...

तेहरान: अफगानिस्तान के कहा है कि अमरीका को इर्रान के खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधियों को संचालित करने के लिए देश की सरजमीं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। तुर्की में अफगानिस्तानी राजदूत अब्दुल रहीम सईद जेन ने कहा, ‘अफगानिस्तान सरकार के लिए पड़ोसी देशों के साथ संबध का विशेष महत्व है। इसलिए हम ईरान और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के खिलाफ अमरीका को अपने सैन्य अड्डों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।’

तुर्की के एक अखबार के अनुसार राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान में अमरीकी अड्डों की उपस्थिति हमारे पड़ोसियों के लिए हमेशा से चिंता की बात रही है। अमरीका के साथ हालांकि अफगानिस्तान सरकार के समझौते के तहत वाशिंगटन पड़ोसी देशों के खिलाफ कभी भी इन अड्डों का इस्तेमाल नहीं कर सकता। शीर्ष राजनयिक ने कहा कि वह तालिबानी आतंकवादी समूह को देश में दूसरे देशों द्वारा गठित एक अर्धसैनिक समूह मानते हैं। सईद जेन ने आतंकवादी समूह और इस्लाम के बीच किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा,‘हम उन्हें एक इस्लामी समूह नहीं मानते हैं। समूह के कई सदस्यों के दिमाग में गलत विचारधारा का बीज बोया गया है।’

ईरान के विदेश मंत्राालय ने कहा कि पिछले माह के अंत में अफगानिस्तान में शत्रुता को समाप्त करने के संभावित तरीकों पर चर्चा करने के लिए पिछले माह के अंत में देश ने तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की थी।  ईरान के विदेश मंत्राालय के प्रवक्ता बहराम कासेमी ने उस समय कहा था, ‘चूंकि अफगानिस्तान में 50 फीसदी से अधिक क्षेत्रों पर तालिबान का नियंत्रण है जिसकी वजह से यह देश असुरक्षा, अस्थिरता और अन्य समस्याओं का सामना कर रहा है। उसे(तालिबान) को ईरान से बातचीत करने में रुचि थी।’

अफगानिस्तान में आतंकवादी समूह की उपस्थिति के संबंध में सईद जेन ने कहा कि इसी तरह अल-कायदा और दायेश तकफिरी जैसे आतंकवादी समूह का गठन अन्य देशों में असुरक्षा फैलाने के लिए दूसरे देशों द्वारा किया गया था। इराक और सीरिया में अपने- अपने शहरी ठिकानों के समाप्त हो जाने के बाद दायेश ने वर्ष 2017 के अंत से अफगानिस्तान में अराजाकता का फायदा उठाकर पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करके अपने पैर जमा लिए हैं। 

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