Edited By Tanuja,Updated: 02 Aug, 2018 04:24 PM
फारस की खाड़ी में ईरान की नौसेना अभ्यास को लेकर चिंतित अमरीका ने कहा है कि नौसेना अभ्यास से दुनिया का तेल पारगमन का मार्ग बाधित हो सकता है, इससे वैश्विक ऊर्जा का संकट गहराने के आसार हैं
वाशिंगटनः फारस की खाड़ी में ईरान की नौसेना अभ्यास को लेकर चिंतित अमरीका ने कहा है कि नौसेना अभ्यास से दुनिया का तेल पारगमन का मार्ग बाधित हो सकता है, इससे वैश्विक ऊर्जा का संकट गहराने के आसार हैं। अमरीका का दावा है कि ईरान का इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड (आईआरजीसी) जल्द ही एक प्रमुख नौसेना अभ्यास शुरू करने की योजना बना रहा है। अमरीकी अधिकारी ने कहा है नौसेना का यह अभ्यास अगले 2 दिनों के भीतर शुरू हो सकता है।
अमरीका का आकलन है कि IRGC ने 100 से अधिक नौकाओं का बेड़ा यहां एकत्र किया है। इनमें से कई छोटी व तेजी से चलने वाले जहाजी बड़े शामिल हैं। अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि इसमें तटीय रक्षात्मक मिसाइल बैटरी समेत ईरानी वायु और जमीन पर चलने वाले उपकरण भी शामिल हो सकते हैं। अमरीका ने कहा है कि अरब सागर में ईरानी नौसना की हलचल को लेकर सचेतहम हैं और लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। अमरीका सेंट्रल कमांड के मुख्य प्रवक्ता कप्तान विलियम शहरी ने बताया कि हम इसकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान के इस अभियान के दौरान हम अंतर्राष्ट्रीय जलमार्गों में व्यापार के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे। अमरीका की एनर्जी इनफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि यह दुनिया का तेल पारगमन का प्रमुख जलमार्ग है। दरअसल, होरमुज़ जलडमरूमध्य पश्चिम एशिया की एक प्रमुख जलसन्धि है। यह ईरान के दक्षिण में फ़ारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से अलग करता है। तेल के निर्यात की दृष्टि से यह जलडमरु बहुत अहम है, क्योंकि इराक़, क़तर तथा ईरान जैसे देशों का तेल निर्यात यहीं से होता है।