यरुशलम को लेकर अरब जगत में भड़का गुस्सा, अमरीका के सहयोगी देश भी नाराज

Edited By Tanuja,Updated: 15 May, 2018 10:53 AM

us opens embassy in jerusalem arab countries protests

70 साल पुरानी विदेश नीति के विपरीत कदम उठाते हुए सोमवार को अमरीका ने यरुशलम को इसराईल की राजधानी का दर्जा देते हुए वहां अपना दूतावास स्थापित कर दिया है...

वॉशिंगटनः 70 साल पुरानी विदेश नीति के विपरीत कदम उठाते हुए सोमवार को अमरीका ने यरुशलम को इसराईल की राजधानी का दर्जा देते हुए वहां अपना दूतावास स्थापित कर दिया है। अमरीकी राष्ट्रपति के इस कदम से पूरा अरब जगत में गुस्सा भड़ गया है  वहीं अमरीका के सहयोगी देश भी नाराज हो गए हैं। पहले की अमरीकी नीति के अनुसार यरुशलम का भविष्य इसराईल और फिलीस्तीन को बातचीत के जरिए तय करना था।

बता दें कि 8.82 लाख की आबादी वाले क्षेत्र व मुस्लिम, यहूदी और ईसाई समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े प्राचीन स्थलों वाले ऐतिहासिक शहर यरुशलम में 64 फीसद यहूदी, 35 फीसद अरबी और एक फीसद अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। शहर का क्षेत्रफल 125.156 वर्ग किमी है। इसराईल और फिलीस्तीन, दोनों ही यरुशलम को अपनी राजधानी बनाना चाहते थे।  1947 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा यरुशलम के विभाजन का प्लान रेखांकित किया गया था। इसका मकसद यरुशलम को अलग अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में परिकल्पित करना था।
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1948 में इजरायल के आजाद होने पर शहर का विभाजन हुआ। 1949 में युद्ध समाप्त होने पर आर्मिटाइस सीमा खींची गई। इससे शहर का पश्चिमी हिस्सा इजरायल और पूर्वी हिस्सा जॉर्डन के हिस्से आया।1967 में हुए छह दिनी युद्ध में इजरायल ने जॉर्डन से पूर्वी हिस्सा भी जीत लिया। शहर को इजरायली प्रशासन चला रहा है। लेकिन फिलीस्तीन पूर्वी यरुशलम को भविष्य की अपनी राजधानी के रूप में देखता है।

अमरीकी दूतावास को तेलअवीव से यरुशलम में स्थानांतरित करने के लिए 1995 में अमरीकी कांग्रेस में कानून पारित हुआ। इसराईल ने नए दूतावास के लिए 99 साल के लिए एक डॉलर सालाना किराए पर अमेरिका को यरुशलम में जमीन भी उपलब्ध कराई। लेकिन 1995 के बाद से सभी अमरीकी राष्ट्रपति राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इसे टालते रहे। इसके लिए वे प्रत्येक 6 महीने में एक अधित्याग पत्र पारित करते हैं। ब्रिटेन ने यरुशलम में अपना दूतावास खोलने से साफ मना कर दिया है।

हालांकि कई छोटे देश वहां दूतावास खोलने के इच्छुक हैं। ग्वाटेमाला 16 मई को तेलअवीव से दूतावास यहां स्थानांतरित करेगा वहीं पराग्वे इस महीने के आखिरी तक। बीते दिसंबर में 128 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग करके मंशा जाहिर की थी कि अमरीका यरुशलम को  इसराईल की राजधानी का दर्जा रद्द करे। 

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