Edited By Tanuja,Updated: 05 Aug, 2021 05:57 PM
अफगानिस्तान और चीन को लेकर अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान के प्रयासों के बावजूद इस्लामाबाद और ...
वाशिंगटनः अफगानिस्तान और चीन को लेकर अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान के प्रयासों के बावजूद इस्लामाबाद और वाशिंगटन के संबंध बेहद नाजुक दौर में हैं। 'द नेशन' ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान के इन दोनों आला अधिकारियों ने अमेरिकी प्रशासन के सर्वोच्च अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें की हैं। लेकिन अफगानिस्तान और चीन को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेदों के चलते अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों की तल्खियां अभी दूर नहीं हो सकी हैं।
इस मामले में पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोइद योसुफ और खुफिया एजेंसी ISI के डीजी लेफ्टिनेंट फैज हमीद के प्रयास भी विफल साबित हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के ट्वीट में अफगानिस्तान पर पूरा ध्यान केंद्रित था लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोइद योसुफ के ट्वीट में अफगानिस्तान का कोई जिक्र तक नहीं था। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच अफगानिस्तान और चीन को लेकर तनावपूर्ण संबंधों के कारण बैठकों का कोई सकारात्मक रास्ता नहीं निकला है।
अमेरिका ने पाकिस्तान से तालिबान पर दबाव डालने को कहा है जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि उनका तालिबान पर कोई वश नहीं है। पूरी दुनिया जानती है कि पाक सेना आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के लिए सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराती है। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की मदद से नानगढ़ प्रांत में बहुत बड़े हमले किए हैं। साथ ही सीमावर्ती जिलों की कुछ सुरक्षा चौकियों जैसे आचिन और पाचेर वा अगम पर फिर से कब्जा कर लिया है। हीसरक, शेरजाद, पाचेर वा अगम, देह बाला (हस्का मीना), आचिन और सुरखरोद जिलों में तालिबानी हमले बढ़ गए हैं। तालिबान और उसके अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के घायल आतंकियों का इलाज क्वेटा शहर में हो रहा है।