ट्रंप समर्थकों की धमकी के बाद अमेरिका के सभी 50 राज्‍यों में हाई अलर्ट, छावनी में तब्‍दील वाशिंगटन

Edited By Tanuja,Updated: 17 Jan, 2021 02:41 PM

us state capitals tighten security amid threat of armed protests

अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व  ट्रंप समर्थकों की 17 जनवरी को सशस्‍त्र आंदोलन की धमकीके बीच देश के

वाशिंगटनः अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व  ट्रंप समर्थकों की 17 जनवरी को सशस्‍त्र आंदोलन की धमकीके बीच देश के सभी 50 राज्‍यों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। वॉशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर रक्षा अधिकारियों द्वारा और सैनिकों को भेजने की मांग के बाद बड़ी संख्या में सैनिक विभिन्न राज्यों से बसों और विमानों के जरिए शनिवार को राजधानी में आने लगे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने राज्यों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके।

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शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व कोलंबिया डीसी समेत सभी राज्‍यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 6 जनवरी को हुए दंगे के मद्देनजर देशभर से नेशनल गार्ड की टुकड़‍ियां वाशिंगटन रवाना की गई हैं। कोलंबिया डीसी को छावनी में तब्‍दील कर दिया गया है। ट्रंप समर्थकों द्वार 20 जनवरी को  बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह  से पहले वाशिंगटन डीसी में 17 जनवरी को मार्च निकालने की धमकी के बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।  

 

अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी FBI ने सभी 50 राज्‍यों की राजधानियों में ट्रंप समर्थकों एवं प्रदर्शनकारियों द्वारा संभावित सशस्‍त्र मार्च की चेतावनी के बाद ऐहतियात के तौर पर डीसी में नेशनल मॉल को बंद कर दिया  है।  मीडिया रिपोर्ट  के मुताबिक बाइड्न के शपथ ग्रहण समारोह में सुरक्षा की कई स्‍तरीय व्‍यवस्‍था होगी। ट्रंप समर्थकों की ओर से कोई बवाल या उपद्रव की घटना नहीं हो इसके लिए सुरक्षा चाकचौबंद रखी गई है। कैपिटल बिल्‍ड‍िंग के आसपास फेंसिंग, बाड़ से लेकर तमाम इंतजाम किए गए हैं।

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गौरतलब है कि छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन कैपिटल पर भीड़ ने हिंसक धावा बोला था। उसी घटना को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हिंसक कट्टरपंथी समूह शहर को निशाना बना सकते हैं। सशस्त्र घुसपैठियों के आने तथा विस्फोटक उपकरण लगाने जैसी आशंका भी जताई गई है। वाशिंगटन में अगले हफ्ते की शुरुआत तक 25,000 से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है। लेकिन इसके साथ ही राज्यों के संसद भवनों में हिंसा की आशंका के संबंध में चिंता जताई जा रही है।

 

अधिकारियों के मुताबिक बीते 72 घंटों में कम से कम 7,000 सैनिक मैरीलैंड में ज्वाइंट बेस एंड्रूज पहुंचे। कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं और वाशिंगटन आ रहे हैं। सेना संबंधी मामलों कें मंत्री रायन मैक्कर्थी ने गर्वनरों से मदद मांगी थी। एफबीआई ने भी सभी राज्यों के संसद भवनों में हिंसक हमलों की आशंका जताई है। रविवार को हमलों की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों की राजधानियों में हथियारों से लैस सैनिकों को तैनात किया गया है। पूरे अमेरिका के सभी राज्यों के संसद भवनों में भारी भरकम हथियारों से लैस जवानों को तैनात किया गया है।

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लोकतंत्र के प्रतीक ये भवन वैसे ही लग रहे हैं जैसे कि युद्धग्रस्त देशों में भारी सुरक्षा के बीच अमेरिकी दूतावास होते हैं। गर्वनरों ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। राज्यों के संसद भवनों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसी आशंका है कि प्रदर्शनकारी रविवार से राज्यों के संसद भवनों की ओर आना शुरू कर सकते हैं। बता दें कि 6 जनवरी को  ट्रंप के  हजारों समर्थकों ने कैपिटल कहे जाने वाले संसद परिसर पर हमला किया था। करीब चार घंटे चले उपद्रव के दौरान जमकर तोड़फोड़ और गोलीबारी हुई थी। पुलिस की कार्रवाई में पांच लोगों की मौत हुई थी। हमले के दौरान संसद में बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की प्रक्रिया चल रही थी। इस घटना की दुनियाभर में आलोचना हुई थी।   
 

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