Edited By Tanuja,Updated: 10 Jan, 2021 04:15 PM
दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अमेरिका अपनी सामुद्रिक रक्षा रणनीतियों नए तथा विस्तारित तरीके से बढ़ा रहा है...
इंटरनेशनल डेस्कः दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अमेरिका अपनी सामुद्रिक रक्षा रणनीतियों नए तथा विस्तारित तरीके से बढ़ा रहा है।अमेरिका क्वाड देशों भारत, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन व जापान के साथ मिलकर चीन को सबक सिखाने की रणनीति पर काम कर रहा है । अमेरिका ने चीन का मुकाबला करने के लिए दक्षिण चीन सागर में में अपनी समुद्री सेनाओं-नौसेना, मैरीन कोर और कोस्ट गार्ड को एकीकृत करेगा। साउथ चाइन मॉर्निग पोस्ट के अनुसार अमेरिका अपनी समुद्री सेनाओं को एकीकृत कर चीन की बढ़ती ताकत को रोकने की योजना पर काम कर रहा है।
दरअसल अमेरिका चीन को अपने लिए सबसे दीर्घकालिक खतरों में एक मानता है। उसका मानना है कि दक्षिण चीन सागर में वह अपनी समुद्री सेनाओं को एकीकृत कर चीन की बढ़ती ताकत को रोक सकता है। हांगकांग से प्रकाशित होने वाले प्रमुख अखबार साउथ चाइन मॉर्निग पोस्ट में एडवांटेज एट सी' शीर्षक से पिछले महीने प्रकाशित अमेरिका इस रणनीति में अमेरिकी नौसेना के उद्देश्यों को 'समुद्रों की स्वतंत्रता को संरक्षित करना, आक्रामकता को रोकना और युद्धों को जीतना' के रूप में परिभाषित किया गया है।
अमेरिका ने माना है कि चीन के व्यवहार और बढ़ती सैन्य ताकत को वह लंबे समय तक चुनौती देने में सक्षम नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना भी अपनी रणनीति में बदलाव करे और अपनी क्षमता बढ़ाए। बता दें कि दक्षिण चीन सागर के 90 फीसद हिस्से पर चीन अपना दावा जताता है। चीन के इस दावे को उसके पड़ोसी वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई और मालदीव नहीं मानते और चुनौती देते रहे हैं। 2016 में संयुक्त राष्ट्र के एक ट्रिब्यूनल ने भी चीन के इस दावे को खारिज कर दिया था, लेकिन चीन उसके फैसले को नहीं मानता।