Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Aug, 2017 05:40 PM
अमरीकी मीडिया के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारी चीन द्वारा उत्तर कोरिया के परमाणु और बलिस्टिक प्रोग्राम से आंखें मूंद लेने की वजह से बेहद नाराज हैं।
वॉशिंग्टनः अमरीकी मीडिया के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारी चीन द्वारा उत्तर कोरिया के परमाणु और बलिस्टिक प्रोग्राम से आंखें मूंद लेने की वजह से बेहद नाराज हैं। इसके चलते अगले कुछ दिनों में वॉशिंग्टन और पेइचिंग के संबंधों में खटास आ सकती है। अमरीका ने अपने व्यापार कानून के एक प्रावधान का अब तक काफी कम इस्तेमाल किया है, लेकिन चीन के व्यापार करने के उल्टे-सीधे तरीकों से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन को अब उसका सहारा लेना पड़ेगा यानि अमरीका चीन को सबक सिखाने के मूड में है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, 'प्रशासन अपने कानूनी प्रावधानों से यह जांच करेगा कि चीन की intellectual property policy में व्यापार करने के अनुचित तरीके शामिल तो नहीं।' अमरीका के ट्रेड एक्ट ऑफ 1974 के तहत अमरीकी राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि अगर कोई देश व्यापार के गलत तरीकों (अनफेअर ट्रेड प्रेक्टिस) से अमरीकी बाजार को नुकसान पहुंचाता है तो, राष्ट्रपति उस पर टैरिफ और अन्य प्रतिबंध लगा सकता है। इस प्रावधान के इस्तेमाल से अमरीका चीनी निर्यातकों पर सैंक्शन लगा सकेगा। इस तरह से अमरीकी टेक्नॉलजी को चीन जाने से भी रोका जा सकेगा।
वॉल स्ट्रीट के मुताबिक पिछले कई साल में चीन के व्यापार और मार्कीट तक पहुंच के प्रति अमेरिकी व्यापारियों में गुस्सा है। व्यापारी अमरीकी सरकार से चीन की व्यापारिक गतिविधियों के प्रति कड़ा कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वॉल स्ट्रीट का कहना है कि कई संगठनों ने यह शिकायत की है कि ट्रंप प्रशासन ने इंटलेक्चुअल प्रॉप्रटी जैसे क्षेत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनका आरोप है कि सरकार का ध्यान चीन और अमरीकैाका के बीच पिछले साल हुए 347 बिलियन ट्रेड सर्पलस पर है।