Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2018 11:20 PM
अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान के बीच अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा के बाद अमेरिकी सेनाएं इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज करेंगी। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह...
ब्रसेल्स: अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान के बीच अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा के बाद अमेरिकी सेनाएं इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज करेंगी। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।
गौरतलब है कि कल अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पहली बार बिना शर्त के तालिबान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा की थी। इसके दायरे से इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों को बाहर रखा गया है। इस्लामिक स्टेट का नांगरहार प्रांत में काफी दबदबा है क्योंकि यहां की पूर्वी सीमा पाकिस्तान से लगती है और इस संगठन के आतंकवादी काफी खतरनाक माने जा रहे हैं।
अमरीका और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सेनाओं के अफगानिस्तान में कमांडरअमरीकी सैन्य जनरल जान निकोलोसन ने पत्रकारों को बताया कि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और संघर्ष विराम की अवधि में इसे और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ संघर्ष विराम होने से काफी अमरीका सैनिकों को इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अभियान में लगाया जा सकेगा। अमरीका रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इस दौरान कहा कि अब अमरीका सेनाओं को इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियान में उतारा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान के लोगों के हितों मे तालिबान इस संघर्षि विराम का बेहतर फायदा उठाता है तो हमारी काफी फौजों को इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ उतारा जा सकता है। इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान शाखा को इस्लामिक स्टेट खोरासान कहा जाता है। अमरीकी सेनाओं के सहयोग से अफगानिस्तानी कमांडों नांगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इस क्षेत्र में इस संगठन के आतंकवादियों की संख्या के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन अमरीकी सेना के आकलन के मुताबिक इनकी संख्या करीब दो हजार के आसपास है।