Edited By Tanuja,Updated: 12 Oct, 2021 10:07 AM
कतर की राजधानी दोहा में शनिवार और रविवार को अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बाद अमेरिकी प्रशासन का ...
इंटरनेशनल डेस्कः कतर की राजधानी दोहा में शनिवार और रविवार को अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बाद अमेरिकी प्रशासन का बड़ा बयान सामने आया है। अमेरिका ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि वो परेशानियों से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के लिए तो तैयार है लेकिन तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देगा। अमेरिका का कहना है कि तालिबान को उसके बयान की जगह उसके कामों के आधार पर आंका जाएगा। 10 अगस्त को अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के मुताबिक, दोहा में अमेरिकी और तालिबान प्रतिनिधियों के बीच हुई मुलाकात में आतंकवाद, विदेशी नागरिकों और महिलाओं की सुरक्षा समेत राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, तालिबान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वो अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश ना करें, यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना सभी के लिए फायदे का सौदा होगा। विदेश मंत्री मुत्तकी ने अमेरिका से मांग की है कि अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के भंडार पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाए। उसने यह भी कहा कि अगर प्रतिबंध हटाया जाता है तो वह पैसा देश के विकास के काम आएगा। बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक में करीब 9.5 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि 105 अमेरिकी नागरिकों और 95 ग्रीन कार्ड धारकों ने अमेरिका की तरफ से उपलब्ध कराई गईं फ्लाइट्स में अफगानिस्तान छोड़ा है। हालांकि, दर्जनों अमेरिकी नागरिक और कई अफगानी मददगार लोग अब तक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं और वहां से निकलना चाहते हैं। उन्हें जाने देने और उनकी सुरक्षा पर भी चर्चा की गई।