Edited By ,Updated: 17 Oct, 2016 09:39 PM
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी हंगरी की तीन दिन की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद आज अल्जीरिया के लिए रवाना हो गये। गौरतलब है कि ...
बुडापेस्ट: उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी हंगरी की तीन दिन की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद आज अल्जीरिया के लिए रवाना हो गये। गौरतलब है कि हंगरी की यात्रा के दौरान उन्होंने वहां के शीर्ष नेताओं से बातचीत की और इस दौरान दो द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किया गया।
अंसारी और हंगरी के राष्ट्रपति जानोस एदेर, प्रधानमंत्री विक्टर ऑरबन एवं अन्य शीर्ष नेताओं से बातचीत में दोनों देशों ने आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने की हिमायत की और इस खतरे से निपटने के लिए मजबूत वैश्विक कानूनी ढांचे और सतत कानूनी कार्रवाई की मांग की। अंसारी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था एमटीसीआर और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए हंगरी के समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और हंगरी में समृद्ध लोकतंत्र एवं प्रगतिशील अर्थव्यवस्था है और इसके साथ-साथ दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण, बहुआयामी और सांस्कृतिक संबंध हैं।
जल प्रबंधन से जुड़े एक समझौता पत्र पर भारत की आेर से हंगरी में भारत के राजदूत राहुल छाबड़ा ने हस्ताक्षर किया और दूसरे समझौते पर विदेश मंत्रालय में सचिव पश्चिम सुजाता मेहता ने हस्ताक्षर किया। हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश ने परस्पर लाभ के लिए रक्षा उत्पादन समेत विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग की संभावना तलाशने के लिए एक तकनीकी कार्य दल का गठन किया है। उन्होंने वर्ष 1956 में हंगरी की एेतिहासिक क्रांति में भारत के तत्कालीन दूत एम ए रहमान के योगदान को याद किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी हंगरी के लोगों के संघर्ष में उनकी मदद की थी। तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने वर्ष 1993 में इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा की थी, जिसके दो दशक से भी अधिक समय बाद भारतीय उपराष्ट्रपति ने हंगरी की यात्रा की।