Edited By Tanuja,Updated: 29 Mar, 2022 12:08 PM
यूक्रेन में जारी रूसी हमले अब दूसरे महीने में पहुंच गए हैं और पुतिन को सफलता मिलती नहीं दिख रही। रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को...
इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन में जारी रूसी हमले अब दूसरे महीने में पहुंच गए हैं और पुतिन को सफलता मिलती नहीं दिख रही। रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 34 दिन होने को हैं एक महीने से ज्यादा चल रहे इस युद्ध में रूसी सेना ने लगातार यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर मिसाइलें दाग उसे बर्बाद कर दिया है। यूक्रेन के मारियुपोल, कीव समेत कई शहरों में रिहाइशी इलाके तबाह कर दिए गए हैं।। इस जंग के दौरान हजारों लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लाखों लोग अपना देश छोड़ पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं। रूस-यूक्रेन जंग से जुड़े हर अपडेट के लिए क्लिक करें punjabkesari.in
Live Updates:-
- मारियुपोल मेयर के अनुसार रूस ने इस शहर का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा खंडहर में तब्दील कर दिया है। हमले में 5000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं । हजारों लोग बेघर हो गए हैं और अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं।
- हालात ऐसे हैं कि मृतकों को पार्कों और स्कूलों में दफन किया जा रहा है। इस शहर में 1.6 लाख लोग फंसे हुए हैं और वह शहर छोड़ भी नहीं पा रहे क्योंकि रूसी सेना ने शहर छोड़ने वाले सभी रास्तों पर अपने सैनिको की तैनाती कर दी है।
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार की रात देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि ‘मैं दूसरे देशों की संसद से लगातार अपील करूंगा और उन्हें घेरेबंदी वाले मारियुपोल जैसे शहरों के भयावह हालात की याद दिलाऊंगा। ’’
- यूक्रेन के सशस्त्र बलों को धन्यवाद देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि कब्जाए जा चुके शहरों को वे वापस ले रहे हैं और ‘‘कुछ हिस्सों में तो वे आगे भी बढ़ रहे हैं। यह अत्यंत सराहनीय है। ’’यूक्रेन की सेना नाटो की ओर से मिल रहे हथियारों के दम पर रूसी सेना में भारी तबाही मचा रही है।
- क्रेमलिन ने कहा है कि रूस के अस्तित्व पर जब तक खतरा नहीं आता है, परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। यूक्रेन ने मंगलवार से रूस के साथ शुरू हो रही वार्ता में सीजफायर का रास्ता खुलने की उम्मीद जताई है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पुतिन सुलह के मूड में नहीं हैं।
- जेलेंस्की के शर्तों पर पुतिन ने से सिर्फ इतना कहा कि वे 'उन्हें बर्बाद कर देंगे'। पुतिन का ये बयान तब आया है जब एक बार फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने तेवर नरम किए हैं. वे लगातार कह रहे हैं कि बातचीत के लिए तैयार हैं।
-
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय (क्रेमलिन) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर की गई टिप्पणी पर चिंता जतायी और कहा कि वह इस टिप्पणी के व्यापक निहितार्थ का अध्ययन करेगा।
-
बाइडेन ने शनिवार को अपने एक भाषण में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में कहा था कि ‘‘यह शख्स सत्ता में नहीं रह सकता।'' हालांकि, व्हाइट हाउस और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने तुरंत यह स्पष्ट किया कि बाइडन वास्तव में पुतिन को सत्ता से हटाने की बात नहीं कर रहे थे।
-
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि बाइडेन के बयान ने ''बेशक चिंता बढ़ा दी है।'' उन्होंने कहा, '' इस बात का फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति और अमेरिका की जनता पर निर्भर नहीं करता कि रूस में कौन सत्ता में रहेगा।''
-
-
यूरोपीय संघ की न्यायिक समन्वय एजेंसी यूरोजस्ट ने कहा है कि उसने युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों की जांच के लिए पोलैंड, लिथुआनिया और यूक्रेन को एक संयुक्त जांच दल बनाने के वास्ते सहायता दी है। एजेंसी ने सोमवार को कहा कि दल के गठन के लिए इन तीन देशों ने शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर किये। यूरोजस्ट ने कहा कि उसने इसके लिए कानूनी और तकनीकी सहायता दी।
-
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने कहा कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत से लेकर अब तक 1,119 असैन्य लोगों की मौत हो चुकी है और 1,790 लोग घायल हो चुके हैं। विश्व निकाय की एजेंसी ने रविवार को कहा कि अधिकतर नुकसान ज्यादा प्रभाव क्षेत्र वाली भारी गोलाबारी के कारण हुआ।
-
ब्रिटेन के रक्षा अधिकारियों ने कहा कि रूस की सेनाओं ने रसद आपूर्ति में समस्या और यूक्रेन की ओर से की जा रही जवाबी कार्रवाई के चलते पिछले 24 घंटे में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने ताजा खुफिया जानकारी में कहा कि रूस की सेनाओं का मनोबल गिरा हुआ है।
पार्कों और स्कूलों में दफन हो रहे शव
यूक्रेन ने मारियुपोल की तबाही की तुलना सीरिया के अलेप्पो से की है। मृतकों को कब्रिस्तान तक ले जाना मुश्किल हो रहा है ।इसके चलते पार्कों और स्कूलों में शवों को दफन किया जा रहा है। मारियुपोल में संचार सेवा भी ठप हो गई है। लोग अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं। किसी भी तरह की जानकारी के लिए लोग सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो गए हैं।
खाने-पीने के लिए भी तरसे लोग
रूस की क्रूरता का आलम ऐसा रहा कि सैनिकों ने वहां एक स्कूल पर एयर स्ट्राइक कर दी। इस स्कूल में 400 लोगों ने शहण ली हुई थी। साफ है कि 33 दिन में यूक्रेन के मारियुपोल समेत कई शहरों की सूरत बदल गई है। लोग खाने-पीने के लिए परेशान हैं। लंबी लाइनों में घंटों इंतजार के बाद थोड़ा सा खाना नसीब हो रहा है।
यूक्रेन दे रहा रूस की मांगों के आगे झुकने का संकेत
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी वीडियो जारी कर रूस की मांगों के आगे झुकने के संकेत दे चुके हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन रूस को सुरक्षा गारंटी देने, तटस्थ रहने और खुद को न्यूक्लियर फ्री स्टेट घोषित करने करने के लिए तैयार है. हम डोनबास का जटिल मुद्दा भी मिल बैठकर सुलझाने के लिए तैयार हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि तुर्की में रूस के साथ इस सप्ताह होने जा रही बातचीत में प्राथमिकता ‘‘यूक्रेन की संप्रभुता और भूभागीय अखंडता’’ पर केंद्रित होगी। जेलेंस्की ने कहा ‘‘हम वास्तव में, बिना किसी विलंब के, शांति चाहते हैं। तुर्की में आमने-सामने होने जा रही बातचीत एक अवसर है और जरूरत भी. यह बुरा नहीं है। आइये, देखें कि परिणाम क्या मिलते हैं। ’’
चीन ने रूस के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंधों पर अमेरिका को दी सलाह
चीन ने कहा कि रूस के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बारे में बीजिंग की चिंताओं को अमेरिका को गंभीरता से लेना चाहिए। चीन ने प्रतिबंधों पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की और कहा कि इससे युद्ध खत्म नहीं होगा और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य बदतर होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को कहा कि चीन तथा अन्य देश मानते हैं कि “भूराजनैतिक संघर्ष और बड़ी शक्तियों के खेल की कीमत सभी देशों के लोगों को नहीं चुकानी चाहिए।” उन्होंने कहा ‘‘ समस्या यह नहीं है कि कौन रूस को प्रतिबंधों से बचाना चाहता है, बल्कि यह है कि चीन और रूस के बीच सामान्य आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को अनावश्यक रूप से नुकसान हो रहा है।”
बाइडेन ने पुतिन पर टिप्पणी पर दी सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह सप्ताहांत में की गई अपनी उस टिप्पणी में से ‘‘कुछ भी वापस नहीं ले रहे हैं’’, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘सत्ता में रहने के लायक नहीं हैं।’’ हालांकि, बाइडेन ने इस बात पर जोर दिया कि वह मॉस्को में सत्ता परिवर्तन का आह्वान नहीं कर रहे थे। बाइडेन ने कहा कि ‘‘यह सिर्फ एक साधारण बात को स्पष्ट करने वाला है कि इस तरह का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’