Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 23 Sep, 2019 04:48 PM
चीन के अशांत प्रांत शिनजियांग के अस्कु इलाके में बुर्का पहनना गुनाह है। 28 साल की मेहरबां शिमिह बुर्का पहनने के चलते पिछले एक साल से वेंसू काउंटी के हिरासत केंद्र में हैं। स्थानीय प्रसाशन का कहना है कि उन्हें उसके कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित होने...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन के अशांत प्रांत शिनजियांग के अस्कु इलाके में बुर्का पहनना गुनाह है। 28 साल की मेहरबां शिमिह बुर्का पहनने के चलते पिछले एक साल से वेंसू काउंटी के हिरासत केंद्र में हैं। स्थानीय प्रसाशन का कहना है कि उन्हें उसके कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित होने की आशंका थी। मेहरबां का कहना है कि केंद्र में उनके अलावा 11 महिलाओं समेत 275 लोग हैं जिन्हें बुर्का पहनने या अवैध इस्लामिक वीडियो देखने के चलते हिरासत में लाया गया था।
शिनजियांग में बुर्का पहनना और अवैध इस्लामिक वीडियो देखने वालों को हिरासती केंद्रों में डाल दिया जाता है। चीन इन्हें प्रशिक्षण केंद्र बताती है, जहां कथित तौर पर कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित उइगर मुस्लिमों को प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि इन हिरासत केंद्रों में हजारों उइगरों को जबरन कैद किया गया है।
शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम बहुलता में हैं। इसकी सीमा भारत, पाकिस्तान समेत अफगानिस्तान से लगती है। इस प्रांत में हिरासती केंद्रों की संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है लेकिन एक अधिकारी के मुताबिक, प्रांत की प्रत्येक काउंटी में एक केंद्र है। मेहरबां कहती हैं कि उनकी सास ने उन्हें जबरन बुर्का पहनने को मजबूर किया था। इसकी शिकायत किसी ने पुलिस को कर दी जिसके बाद उन्हें केंद्र ले जाया गया। लोगों को भड़काने के लिए मेहरबां की सास और पति को भी 17 वर्ष की सजा सुनाई गई है।