Edited By Pardeep,Updated: 20 Nov, 2020 11:16 PM
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा है कि Gilead की Remdesivir को उसकी प्री-क्वॉलिफिकेशन लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इस लिस्ट का इस्तेमाल विकासशील देश दवा हासिल करने के लिए करते हैं। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने अस्पतालों में भर्ती मरीजों के
जेनेवाः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा है कि Gilead की Remdesivir को उसकी प्री-क्वॉलिफिकेशन लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इस लिस्ट का इस्तेमाल विकासशील देश दवा हासिल करने के लिए करते हैं। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने अस्पतालों में भर्ती मरीजों के ऊपर करने से इनकार कर दिया था। डब्ल्यूएचओ प्रवक्ता तारिक जसरीविक ने यह जानकारी दी है।
तारिक ने कहा है, 'यह सस्पेंशन इस बात का संकेत है कि डब्ल्यूएचओ इलाज के दिशा-निर्देशों के तहत देशों को कोविड के लिए यह दवा लेने की सलाह नहीं देता है।' उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ को इस बारे में जानकारी नहीं है कि निम्न या मध्य आय वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय सप्लाइयर दवा पहुंचा रहे हैं।'
अमेरिका में मिली थी इजाजत
अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए ऐंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर को पूरी तरह से मंजूरी दे दिया था। कैलिफोर्निया के जिलियड साइंसेज (Gilead Sciences) की बनाई दवाई को अब तक सिर्फ कोविड-19 से गंभीर तरह से पीड़ित मरीजों के लिए ही इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। यही दवा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी गई थी जब वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए थे।
कैसे काम करती है?
रेमडेसिविर को Gilead Sciences ने इबोला का इलाज करने के लिए विकसित किया था। यह उस एन्जाइम को ब्लॉक करती है जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में मदद करता है। इसकी वजह से वायरस शरीर में फैल नहीं पाता। स्टडीज में पाया गया कि रेमडेसिविर ने SARS और MERS की ऐक्टिविटी को ब्लॉक किया। रेमडेसिविर को 12 साल या उससे ऊपर की उम्र से ज्यादा के लोगों को पांच दिन के इलाज के दौरान 6 वायल में दिया जाता था। मई में दो स्टडी में पाया गया था कि रेमडेसिविर से अस्पताल में रहने का वक्त कम हो जाता है।