Edited By Tanuja,Updated: 11 Apr, 2018 05:43 PM
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने दावा किया है कि सीरिया के पूर्वी गोता में विद्रोहियों के आखिरी ठिकाने डौमा शहर में किए गए रासायनिक हमले में करीब 500 लोग प्रभावित हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सीरिया जाने देने की अनुमति भी मांगी है...
दमिश्कः वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने दावा किया है कि सीरिया के पूर्वी गोता में विद्रोहियों के आखिरी ठिकाने डौमा शहर में किए गए रासायनिक हमले में करीब 500 लोग प्रभावित हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सीरिया जाने देने की अनुमति भी मांगी है ताकि हालात का जायजा लिया जा सके। पिछले सप्ताह डौमा में हुए रासायनिक हमले में में कम से कम 70 लोग मारे गए थे। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस अटैक में नर्व गैस का इस्तेमाल किया गया था, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया और उनके मुंह से झाग निकलने लगा।
विएक मैडीकल वर्कर मोहम्मद मरहूम ने वॉशिंगटन पोस्ट से बताया, 'यह हमला जब हुआ, उस वक्त लोग बेतहाशा भागने लगे। उनके मुंह से झाग निकल रहे थे और शहर में जो भी क्लीनिक खुले थे लोग आनन-फानन में वहां पहुंचे। पीड़ितों को क्लोरीन की तेज गंध महसूस हुई, लेकिन इस बार पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा लोग गैस अटैक से प्रभावित हुए थे।' मरहूम ने कहा कि मुझे और अन्य मेडिकल वर्कर्स को यह संदेह हुआ कि लोगों को मारने वाली यह गैस क्लोरीन से कहीं ज्यादा ताकतवर है।
भले ही सरकार विरोधी सीरिया की बशर अल असद सरकार पर इस हमले का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उसने इससे इंकार किया है। सीरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी सना ने कहा, 'सीरियाई अरब सेना को किसी रासायनिक चीज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि आतंकवादियों के मीडिया सहयोगियों द्वारा दावा किया गया है।' हमलों पर प्रतिक्रिया में अमरीकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने कई परेशान कर देने वाली रिपोर्ट देखीं। सीरियाई सरकार का अपने लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों को इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है।' सरीन नर्व एजेंट का इस्तेमाल सीरिया में पहले भी हो चुका है।