कोरोना का आतंक: आखिर युवाओं को लेकर क्यों चिंतित है संयुक्त राष्ट्र?

Edited By vasudha,Updated: 28 Apr, 2020 11:58 AM

why is the united nations worried about youth

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगह किया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान चरमपंथी समूह युवाओं के रोष और निराशा का फायदा उठा सकते हैं। ऐसे में उन्हें कट्टर बनाने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया इस वैश्वविक संकट के...

इंटरनेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगह किया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान चरमपंथी समूह युवाओं के रोष और निराशा का फायदा उठा सकते हैं। ऐसे में उन्हें कट्टर बनाने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया इस वैश्वविक संकट के कारण एक पीढ़ी का भटकना बर्दाश्त नहीं कर सकती है। 

 

गुतारेस ने सोमवार को वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए सुरक्षा परिषद से कहा कि इस संकट के पहले से युवा ढेरों चुनौतियों का सामना कर रहे थे। हर पांच में से एक युवा को पहले से ही शिक्षा, प्रशिक्षण या रोजगार नहीं मिलता है और हर चार नौजवानों में से एक हिंसा या संघर्ष से प्रभावित है। हर साल 1.2 करोड़ नाबालिग लड़कियां मां बनती हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग इस निराशा को स्पष्ट रूप से हल करने में नाकाम रहे हैं। इसने राजनीतिक प्रतिष्ठान और संस्थानों में विश्वास की कमी को बढ़ाया है। ऐसे में चरमपंथी समूहों के लिए रोष और मायूसी का फायदा उठाना आसान हो जाता है और युवाओं के कट्टरपंथ की ओर बढ़ने का खतरा बढ़ता है। 

 

गुतारेत ने रेखांकित किया कि हम देख सकते हैं कि ऐसे समूहों ने पहले से ही कोविड-19 लॉकडाउन (बंद) का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रयास बढ़ा दिए हैं और उन युवाओं की भर्ती की भी कोशिश कर रहे हैं जो अपना ज्यादातर समय अब घर तथा ऑनलाइन बिता रहे हैं । उन्होंने युवाओं, शांति और सुरक्षा पर ऐतिहासिक प्रस्ताव को अपनाने के बाद, पांच वर्षों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। 

 

युवा, शांति और सुरक्षा पर कार्रवाई का आह्वान करते हुए गुतारेस ने कहा कि दुनिया युवाओं की एक पीढ़ी का भटकना बर्दाश्त नहीं कर सकती है, उनकी जिंदगियां कोविड-19 से प्रभावित हुई हैं और भागीदारी की कमी की वजह से उनकी आवाजें दबाई गई हैं। महामारी से निपटने के दौरान उनकी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि 1.54 अरब से ज्यादा बच्चे और युवा कोविड-19 संकट से प्रभावित हुए हैं और देशों को संकट से निपटने के लिए युवाओं की प्रतिभा का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद दुनिया भर में युवा कोरोना वायरस महामारी से निपटने की साझी लड़ाई में शामिल हुए हैं और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। 

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